Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 444
________________ शब्दानुक्रमणिका" ३४१ मुक्खप्पह-मोक्षका पथ ८३१०९ यारिसु-यादृश ४।१५।९ मुग्गर-मुद्गर ( अस्त्र ) ५।१५।३, ६।१३।४ मुच्छा-मूर्छा २।२१।४, ५।१३।११ [र] मुणिणाह-मुनिनाथ २।४।१२ रइ-रति १।१४।५ मुणिदाण-मुनिदान, मुनियोंको दान दे ३।२।९ रडदवउ-रतिका दुत २।८।१२ मुणि-दिण्ण-मुनिदत्त १११०५ रइभाउ-रतिभाव २।१९।१ मुणि-पय-मुनिपद २०६२ रइय-रचित ४।४।३ मुणिपुंगव-मुनिपुंगव २१४९ रइवर-रतिवर (कामदेव) १११।१५, २।८।३, ३।५।१ मुणिय-ज्ञात २।१९८ रइविसइ-रतिविषय १।८।९ मुणिवरु-मुनिवर १।१७।१२ रइहरि-रतिगृह ३।२१।१२ मुणिवंदण-मुनिवन्दना २।५।२१ रईसर-कामदेव १।६।१ मुणीसर-मुनीश्वर १।६।२, १।९।७, १११११५, रउद्द-रौद्र (रूप) १०।१०।२ २।३।१६ रउरव-रौरव (नरक) १०॥२११९ मुणीसु-मुनीश १।९।२ रक्ख ण-रक्षण १७९ * मुणंति-ज्ञा ( धातोः ) ( विचार करना) ११८७ रक्खस-राक्षस १०।२९।११ मुत्त-मूत्र १०॥३२।४ रक्खा-रक्षा १११३।१ मुसल-मुसल ( अस्त्र ) ५७।९, ६।४।४ रज्ज-राज्य १।४।१७ मुसलु-मुसल ५।९।१५ रज्जु-राज्य १।१३।१, १।१५।४ मुह-मुख १।४।१३, १।९।५ रणज्झणंत-रुणझुण-रुणझुण (ध्वन्यात्मक) ३।२०१३ मूग-मूंग ८।५।१० रणमहि-रणमहि, युद्धभूमि ११५।४ मूढ-मूर्ख, दिग्भ्रान्त ४।९।१३ रण-रण-रण-रण (ध्वन्यात्मक) ३।२०१२ मूल१।१५।५, २।६।८, २।९।१५ रणावणी-रणभूमि ४।११।६ मूलिय-प्रमुख १।१०।१२ रणिओ-रणित (बजने लगे, ध्वन्यात्मक) २११४१ मेइणि-मेदिनी २॥१३॥३, ३।२७।१३ रत्त-रक्त १०॥३२॥४ मेइणिवलय-पृथिवी-वलय ६।३।३ रत्तणयण-रक्त-नयन (रक्तवर्ण के नेत्रवाला) २।७।११ मेइणिवहु-मेदिनीरूपी वधू २।२।४ रत्ता-रक्ता (नदी) १०।१६।४ मेत्ताणुउ-मित्रानुक ( कोण ) ( पूर्वोत्तर कोण) रत्तु-रक्ताभ २।३।११ ७।१४।६ रत्तप्पल-रक्त-कमल ७।१।१५ मेरउ-मेरु (पर्वत) १।१०।१ रत्तोदा-रक्तोदा (नदी) १०।१६।४ मेरु-मेरु ( पर्वत ) २।१२।५, १०।२।२ रम्मय-रम्यक् (क्षेत्रनाम) १०।१४।८ मेल्लिवि-मुच (धातोः ) छोड़कर २।६।४ रम्म-रम्य । १४.९ मेल्लंत-मुञ्चत् १।१५।१२, ३।९।२ रमणि-रमणी १४।१८, १११३८ मेसु-मेष ९।११।१० क्कंठिएण-रमणोत्कण्ठित (रमणकार्यमें मेह-मेघ २११०११ उत्कण्ठित ) १११३८ मेहलसेणि-मेखलाश्रेणी ३।१८।७ रय-रज २।६।२, ३३१७ मेहला-मेखला १२८२ रयण-रत्न १११३।२, ३।२।१ [य] रयणकंत-रत्नोंको कान्ति ११९ यण-जन १।१७।११ रयणगण-रत्लसमूह २।११।६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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