Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 451
________________ ३४८ बड्डमाणचरिउ विससिहि-विषशिक्षा ५।४।१३ वीयरायदेव-वीतराग देव ९।१०।७, १०।६।४ विसहणाह-वृषभनाथ ( तीर्थंकर ) १।११३ वीर-भगवान् महावीर १११११, ११२७ विसहर-विषधर १०।३।६ वीर-वीर, विजेता ११२२ विसाउ-विषाद २।१८, २०२११४ वीर-वीर्य, ३।५।१० विसाण-सींग ५।४।२, १०।१७।१३ वीरणाह-वीरनाथ (महावीर) १।१।१४, ९ पुष्पिका विसालए-विशाल २।१०।२ १०।१।१, १०।४१७ विसाले-विशाल १।४।४, १।८।३ वीरणाहु-वीरनाथ ९।१६।१ विसाहणंदि-विशाखनन्दि ( राजपुत्र) वीरवइ-वीरवती (नन्दिवर्धनकी पत्नी) ११५।१३, ३।४।२, ३।६।१२, ३।१८।१, ४।४।१५ १।१४।४ विसाहभूइ-विशाखभूति ( राजा) - वीरु-वीर (भगवान्) १७७,९।१४।२,१०।११।१ ३।३।६, ३।५।९, ३।७।१, ३।१६।१ वीवा-बीबा (नेमिचन्द्रकी पत्नी) १।३।३ विसाहाइणंदी-विशाखनन्दि ३।११।१२ वीहि-बीहि (धान्य) ११३१५ विसी-गरुड़ १०।२६।९ वीहि-वीथी ९।२३।२ विशुद्धसील-विशुद्ध शीलवाला १।४।१० वुड्ढ-वृद्ध ३।४।९,१०१३८१५ विसेस-विशेष २।५।१९ वुत्तउ-उक्त + क (स्वार्थे) १।२।११ विहडइ-वि + घट् (धातु) इ २।२०१२ वुत्तु-कहा १।२।४ विहरिउ-विहरित १०१३९।२४ वुहयण-बुधजन (हंस) १।२।१०,५।११५ विहरेविणु-विहर + एविणु ( विचरण करना) वूढ-व्यूढ, जटित, घटित १।१२।३ ८।६।९ विहरंत-विहर + शतृ ( विहरते हुए) २।३।९ वेइय-वेदिका ९।२२।१० विहलंघलु-विह्वल इत्यर्थे देशी (विह्वल होकर) वेउ-वेग १।४।१४ २।२१।४ वेणतेउ-वैनतेय, गरुड़ ११५१ विहवत्तणु-विभव १७७ वेयड्ढ-वैताढ्य (पर्वत) २।१३।८,६।२।१ विहाण-विधान २।११।१ वेयड्ढगिरि-विजया पर्वत १०११६७ विहि-विधि १।२।३, ३।१३।५ वेयवंत-वेगवान् ४।१३।७. विहीसणु-विभीषण, भयानक ४।५।३ वेयवई-वेगवती (विद्या) ४।१९।३ विहुणिय-विधुनित, नष्ट, ध्वंसित १।९।१२, वेय-वेद ४।१६।९ ३।११।१४, ६।१०२ वेरि-बैरी २।३१६ विहसण-विभूषण १०।३।१० वेल-लता श६।१ विहूसिय-विभूषित १।३।५,२।१११७ वेस-वेशभूषा २।५।१९ विहेय-विधेय ३।३।१ वेसहास-दो सहस्र, दो हजार १०॥४१११६ विहंगक्खु-विभंगावधिज्ञान १०।२३।१० वेसासउहयले–वेश्याके सौधतलमें ३।१७।४ विहंगसरि-विभंग नदियाँ १०।१६।६ वोक्क-कफ, वृक्क १०३२।५ विहंडण-विखण्डन ४।७।४ वोदाउव-बदायूँ नगर १०।४११ विहंसणु-विध्वंस १।१४।१३ वोमयरा-व्योमचर २।१५।३ विहंसिय-विध्वंसित, शान्तकर , २।६।३ वोमसिंगु-व्योम शृंग, व्योम शिखर ९।१०।१७ वीयउ-द्वितीय १।५।२ वोहण-बोधन, सम्बोधन ६।१७।८ वीयराउजिन-वीतराग जिन १०३६।२१ वंचइ-/ वञ्च + इ (ठगना) २।२०।१४ ११८।१४ वूहु-व्यूह Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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