Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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३५०
बड्डमाणचरिउ
सप्पिहु-सस्पृह
सत्तमणरइ-सप्तम नरक ६।९।१२ समर-समर, युद्ध
३।१२।१ सत्तवण्ण-सप्तवर्णी
२।८५ समर-पवियरण-समर+प्र + विचरण १७।१० सतवण-शत + व्रण (सैकड़ों घाव) ५।१६।२१ समरंगणे-समराङ्गण
३३१७९ सद्द-शब्द १३।१६, ३।११९ समसरण-समवशरण
९।१५।११ सद्दत्थ-शब्द-अर्थ १।२।४, १।४।१० समसर-समवशरणमें
१०१३९।२४ सद्धाभत्ति-श्रद्धाभक्ति ७।१३।९ सम-सिरि-शमश्री
८।१६।११ सद्दिज्जइ-शब्दायित १।३।१५ समहुर-सुमधुर
३।११९ सद्दिय-शब्दित
२।१८।८ समाउच्छिय-समागत, सत्कृत, आदृत ३।११३८ सदसणु-सद्दर्शन, सम्यग्दर्शन ११४।१३, ७७५ समागमु-समागम
१।१०।११, २१४५ सदय-दया ८।१६।१४ समाण-सम्मानपूर्वक, सम्पूर्ण
१।२।११ ६।१७।९ समाणिय-समानित
२।२।२ सपमोया-सप्रमोद ३।१८।९ समायड्ढिउ-समाकर्षित
८।८।६ सपुण्णक्खउ-स्व + पुण्य + क्षय + क ( स्वार्थ) समास-संक्षेपमें
१।१२,५।११।१४ (अपने पुण्यका क्षय होनेपर ) २।१९।५ समाहि-समाधि
६।१७।४ सभसल-भ्रमर-सहित २।२०६४ समिद्ध-समृद्ध
२४।२ सम्मइ-सन्मति ( वीरप्रभु ) ९।१७।४ समिदि-समिति
८।१५।४ सम्मत्त-सम्यक्त्व १११११९ समिल्लउ-सम्मिलित, शामिल
२।१२।६ सम्मत्तगुह-सम्यक्त्वरूपी गुफा ६।१५।११ समीरण-समीरण
१०१७॥१५ सम्मत्तजुत्तु-सम्यक्त्वसे युक्त १३१०१६ समीरिउ-समीरित, प्रेरित
२।१४।१२ सम्मत्ताइय-सम्यक्त्वादि ( गुण) १०३८।२ समीरु-पवन
११७८ सम्मत्तु-सम्यक्त्व २।९।१८, २।१०।१४ समीहहि-सम + ईह ( धातु ) (चाहना) ११३७ सम्माणिय-सम्मानित ३१७१२ सम-समान
२।६३ सम्मुच्छण-सम्मूर्छन (जीव) १०११२।४ समुट्टिउ-समुत्थित
२।४।८ सम्मुच्छिम-सम्मूर्च्छन जन्मवाला जीव १०।१०७, समुत्ति-समूर्तिक
११६१ १०।२०।३ समुद्धरु-समुद्धृत
३।१५।१ सम्मुहु-सम्मुख २१४८ समुन्भउ-समुद्भव
२।२।१ सम-श्रम
२।८।२ समुन्भव-समुद्भव ११४।६, २।७।४, ३।१।१२ समग्ग-समग्र
१।५।६ समंदल-सुन्दर मृदंग ( वाद्य ) ४।३।१२ समग्गु-समग्र १।१७।९ सयणासण-शयनासन
८।१४।८ समचउरस-समचतुरस्र (प्रथम संस्थान) १०११११११
८.३३ समण्णिय-समन्वित २।१३।१, ८।१२।६ सयपंच-पांच सौ
१०॥४१।१६ समत्थु-समर्थ ३।२।९ सयमह-शतमख ( इन्द्र)
३।५।९ समन्निउ-सहित ३।२४।३ सयमुह-शतमुख ( इन्द्र )
१०।११७ समभाव-समभाव २।१३।६ सयमेव-स्वयमेव
८।११।११ समय-स्वमत १११८ सयल-समस्त
२।१।३ समयणकाएँ-कामदेवके समान ( सुन्दरशरीरवाला) सयलदेसु-समस्त देश
११३१६ १।६।११ सयलधर-समस्त भूमि
२।९।६ समणयण-समदृष्टि १२।७ सयलंतेउर-समस्त अन्तःपुर
३।१९।२
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