Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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शब्दानुक्रमणिका
३४५
वस-वश वसहगिरि-वृषभगिरि वसु-वशमें वसूतिण्णि-८+३= ग्यारह वसुभेय-आठ भेद वसु-वश वसंतु-वसन्त ( ऋतु) वह-/ वह, ( बहना) वहु-बहुत वहु-वधू वहुसुओ-बहुश्रुत वहूयण-वधूजन वहूवर-उत्तम वधुएँ वहंतु-V वह + शतृ वाई-बाजि ( घोड़ा) वाउ-वायु ( कायिक जीव) वाड-वाटिका वाण-बाण वामण-वामन ( संस्थान) वामणु-वामन ( संस्थान ) वामयर-वामकर ( बायाँ हाथ ) वायइँ-बादय् + इ (बजाना ) वायरण-व्याकरण वायरपुहवि-बादरपृथिवी वायर-वादर ( जीवोंके भेद ) वायस-कौआ वारण-हाथी वारणिंद-वारणेन्द्र वारहंग-बारह अंग वारिरासि-समुद्र वारिहर-वारिगृह ( मेघ ) वारिह-वारिधि, समुद्र वारुणि-वारुणि ( दिक्कुमारी ) वारुणि-वारुणीवर (द्वीप) वारुणी-पश्चिम दिशा गमन वारुणी-मदिरा वार-दिन वाल-बालक
१।१३।१० वालइ-बाल
१११३३१२ १०११६७ वाल-वसेण
४।२०१९ २।१३।६ वालहि-वालधी (पुच्छधारो) १०।१७।१३ २।१५।४ वालु-बालकपन
१७.५ ११९९ वालुआ-वालुक (नरकभूमि) १०।६।१३
२।१।१० वालुवपहा-बालुकाप्रभा (नरकभूमि) १०।२३।१ २।३।१७, २।४।६ वालंतर-केश बराबर अन्तर
१०१३०१८ ११३।११, ३५१७ वावि-वापिका
९।२३।२ १३३५ वाविउ-वापिका
१८।३ ४।१२।२ वासर-सिरि-दिनश्री
१।१५।११ ८८६ वासरेसि-सूर्य
१।१६८ ६।२।११ वासरंति-वासरान्त, सन्ध्याकाल ७।१४।७ ११८८ वासहरे-वर्षधर ( पर्वत )
३।१८।३ २।३।९ वासिउ-वासित
१।३।११ ३।११११ वासिय-सूवासित
१।८।१२ १०१२०१९ वासुपुज्ज-वासुपूज्य ( तीर्थकर ) १।१८ ११३।१४ वाह-बाधा
२।३।६ ११६६ वाह-प्रवाह
३११३ १०१२०१७ वाहण-वाहन
४।१८ १०।११।१२ वाहरइ-Vव्या + हृ + इ, बुलाया ११५।९ ५।१९।६ वाहुड-V वाहुड (दे.) चल्
३।१३।६ २।२०१६ विइण्णे-वितीर्ण
४।४।२ ९।१।१४ विउणी-दुगनी
३११८०६ १०।२२।४ विउत्त-वियुक्त
४।२।१३ १०।१०।१४ विउत्त-वियुक्त
२।१।२ ५।५।४ विउरुव्वेविणु-वि + कुर्व + एविणु विक्रिया१।१५।६ ऋद्धि धारण कर
९।१७.५ ५।८।६ विउलभाल-विपुल भाल
१११११६ १०।२।११ विउलवण-विपुल वन
४।१।४ २।३।६ विउलि-विपुल
३८१३ ११७८, ५।७।१ विउव्वणु-विकुर्वण (वैक्रियक शरीर) १०६१ १७९ विओएँ-वियोग
२।११४ विओय-वियोग
२।१।१,८११६७ १०।९।६ विक्कम-विक्रम
२।२।८, ३।१६।९ ७।१४।५ विक्कमाइच्च-विक्रमादित्य (राजा) १०४१७ ७।१४।५ विक्खाउ-विख्यात
३।१११ २।१४।१ विकव्वुरिउ-विकर्बुरित १०।३८।५ विक्किरियाभाव-विक्रियाभाव
३१७१३
९।५।१०
८।३।९
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