Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 445
________________ ३४२ धड्डमाणचरिउ रयणगुणाल-रत्नोंका समूह २०२०८ रायहो-धुर-राज्यका भार १।१२।१ रयणत्तउ-रत्नत्रय १।१५।३ रायाइय-रागादिक २।९।१९ रयणप्पहा-रत्नप्रभा (नरकभूमि) १०।२३।१ राहु-राहु (ग्रह) २।३।४ रयणसंख-रत्नोंकी संख्या १०॥३६।४ रिउ-रिपु १।१५।१२, ४७९ रयणायर-रत्नाकर ११३८ रिउगल-रिपु-गल, शत्रुका गला ३।२२।२ रयणायरु-रत्नाकर ११५।५ रिउ-णर-रिपुजन १११७८ रयणीसरु-रजनीश्वर (चन्द्रमा) २४.९ रिउ-बहु-रिपुवधु १।५।१० रवण्ण-रमणीय, रमणीक २११२७ रिक्कंदविंद-ऋक्षसमूह १०।२४।११ रवा-ध्वनि ११८।१० रिक्ख-ऋक्ष, नक्षत्र १०॥३४॥३ रवालु-मधुर ध्वनि २॥३॥१० रिजुकूल-ऋजुकूल (नदी) ९।२११११ रवि-सूर्य ७११२, १०७६ रिणु-ऋण ९।१९।१३ रविकित्ति-अर्ककीर्ति (विद्याधर) ६।२७, ६७।९ रिस-ऋजु १०॥३८९ रविबोहियसरे-सूर्य बोधित स्वर २।१४।१३ रिसहणाहु-ऋषभनाथ २।११।११ रविवंदिउ-रविवन्दित १११७६१५ रिसहु-ऋषभदेव ४।३।४ रविबिंबु-रवि-बिम्ब ५।९।६ रुइ-रुचि २।१३।१२ रस-रस-रस ११५९ रुउज्झिय-रूपोज्झित (रूपरहित अमूर्तिक) १०।३९।३ रसणावस-जिह्वाके वशीभूत ५।५।९ रुक्खराइ-वृक्ष-राजि (वृक्ष पंक्तियाँ) २।३।१२ रसायणु-रसायन ३।९।५ रुजग-रुचकवर (द्वीप) १०१९७ रसु-रसना ( इन्द्रिय) १०८५ रुणझुणंति-रुणझुण (ध्वन्यात्मक) १।८।१ रसुल्ल-रसाई ४।१३।११ रुण-रुणंत-रुणझुण-रुणझुण (ध्वन्यात्मक) ६।९।५ रसोल्ल-रसार्द्र, रसीले २।२०।१० रूढ-आरूढ़ ८।१२।५ रहणेउर-रथनूपुर नगर ३।२९।१३, ६।४७ रुद्दत्तण-रौद्रत्व ३।२६५ रहवर-श्रेष्ठरथ २।५।१७ रुद्ध-रुद्ध, रोकना २।३।१२ . रहावत्ता-रथावर्त (पर्वत) ४।२३।११ रुप्प-रौप्यवर्ण ३।१८७ रहंगलच्छी-रथांग-लक्ष्मी ४।९।१२ रुप्यकूल-रूप्यकूला (नदी) १०।१६।४ रहंगाइ-रथोंगादि ५।७।१३ रुप्पय-रोप्य (चांदी वर्णका) १०७४ राई-रागी २।९।११ रुप्पयगिरीन्द्र-रौप्यगिरीन्द्र (विन्ध्याचल) ५।९।४ रामचंद्र-रामचन्द्र ( आश्रयदाता नेमिचन्द्र रुम्मिगिर-रुक्मि (गिरि) १०।१५।८ ___का पुत्र) १०॥४१॥११ रुम्मिगिरि-रुक्मिगिरि १०।१५।८ रामा-रम्य २।५।६ रुम्मिगिरिंद-रुक्मिगिरीन्द्र १०।१४।६ रामारम-रम्यारम्य ( सुन्दर वाटिका) १।३।१० रूव-सौन्दर्य १।४।१५, २।२।४ राम-रम्य १।१०५ रूवरहिउ-रूपरहित (कुरूप) २।१०।१२ राय-राजा १।५।१३ रूवंतउ-रुदन करता हुआ २।२१।३ रायकुमार-राजकुमार १।१०।१२ रुसांकुर दिट्ठीए-रोष और क्रूर दृष्टिसे ३।११।१० रायगिहु-राजगृह (नगर) ३।१।१४ रुहिर-रुधिर ६।१५।२, ८।९।८ रायलच्छि-राजलक्ष्मी १।१४।४, १।१६५ रुहिरासव-रुधिरासव (रुधिररूपी आसव) रायहरदारि-राजगृहके द्वारपर ३।२।६ ५।१५।१३ रायहरे-राजगृह (नगर) २।२२।७ रेहंति-( राज् धातोः) सुशोभित ११५८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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