Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 436
________________ शब्दानुक्रमणिका परियण-कल-परिजन कला (परिजनों पलिय-पलित ( श्वेत केश) ३२४७ की कला) ११११११२ पलोइउ-प्रलोक्य+ इ ( देखा) २।५।२२ परियरिउ-परिचरित ( सेवित ) २।५।१५ पल्लंक-पलंग ३।२१।११ परियरिय-परिचरित १।१२।१, ४।१।५ पलंबबाहु-प्रलम्ब बाहु • २।३४ परियाण-परित्राण ( रक्षण) ४।२४।७ पलंबभुओ-प्रलम्ब भुजा २।१५।४ परियाणइ-परि+ज्ञ + इ १।११।१२ पलंब-सुंडु-प्रलम्ब शुण्डों ५।११०१० परियाणिय-परिज्ञात, परिज्ञापित २।१८।१० पवग्ग-प्रवर्ग । ५।२०१७ परियाणिवि-परिज्ञाय ४।२।९ पवणमग्गु-पवन-मार्ग ३।२।७ परिवट्टण-परिवर्तना १०।३९।५ पवणाहय-पवनाहत (पवनसे आहत) ११४५ परिवडढइ-परि + वृध + इ २।२।१२ पवर-प्रवर ( श्रेष्ठ ) १।१७।१७, २।५१८, ८।१२।५ परिवत्त-परिव्यक्त १।११५ पवर-बलं-प्रवर बल २।९।१२ परिवाडी-परिपाटी १०८।४ पवलावहि-प्रबल-अवधि ( ज्ञान ) ८।१३२८ परिवायउ-तउ-परिव्राजक-तप २।१८।५ पवहइ-प्रवाहित ११७२ परिवायय-परिव्राजक २।१५।१३; २।१७।७ पवाह-प्रवाह १।९।४ परिवायय-तउ-परिव्राजक-तप २।१६।२ पवि-वज्र १०७६ परिविद्धि-परिवृद्धि श५।१२ पविउल-प्रविपुल २।११।४ परिवेढिउ-परिवेष्टित १०११३८ पविउलवण-प्रविपुल वन १।१२।८ परिसइ-परिषद् २।२०।११ पवित्ति-प्रवृत्ति ३।२।११ परिसुद्धि-परिशुद्धि ३।२।८ पविमदु-प्रविमर्द २।५।२ परिसंख्या-परिसंख्यान ( तप ) ८।१४।६ पविमल-प्रविमल ( निर्मल) १।१।१; १।१०।४ परिसंठिउ-परिसंस्थित २७।२ पविमलयर-प्रविमलतर ३।३४ परिहणण-परिहनन ( खण्डन करना ) २।१८।४ पविमुक्कउ-प्रविमुक्त १७।२; २।४।२ परिहर-परि+ह+इ ११३।१ पविरइय-प्रविरचित श५७; ३।२।२ परिहरिवि-परि + हृ + इवि १।५।२; १।१७।१२ पविराइय-प्रविराजित, सुशोभित २।३।१७ परिहा-परिखा २।११।६ पवोहणत्यु-प्रबोधनार्थ २।८।४ परिहि-परिधि ( कोट) २।११।६ पसमिय-प्रशमित २।८।९ परीसह-परीषह २।१४।१०; ६।१६।६ पसरंतु-प्र + सृ + शतृ २।१९।२ पल्लव-तोरण-पल्लव तोरण ( पल्लवोंके तोरण ) पसव-प्रसव ३।१९।६ २।११।१० पसाएँ-प्रसाद १११११९ पल्लवियंवर-पल्लविताम्बर ( आकाश तक पसाय-प्रसाद ५।११।२ पल्लवित ) १।१२।८ पसाहिउ-प्रसाधित २।२।९, २।२२।१३ पल्लवो-पल्लव २।३।४ पसिद्ध-प्रसिद्ध १।१।११ पलयचक्कू-प्रलय-चक्र ५।२३।१० पसिद्धउ-प्रसिद्ध ११३६ पल-लुद्ध-पल ( मांस ) लुब्ध ३।२६।३ पसु-णिग्गह-पशु-निग्रह ३।२५।१२ पल-लुद्धउ-मांसका लालची २१८७ पसंसिउ-प्रशंसित ४|११७ पलाइवि-पलायित (भाग गये) २।१०।९ पहरण-प्रहरण ४।७।१४ पलाव-प्रलाप २।२२।१ पहरण-साल-प्रहरणशाला ( शस्त्रागार) ८३१७ पलिओवम-पल्योपम १०।१३।४; १०।२११५ पहरणु-प्रहरण ( अस्त्र) ८।१२।५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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