Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 431
________________ ३२८ वड्डमाणचरित दीव-द्वीप ८.१०४, १०।९।२ दुहोह-रिणु-दुखोघ-ऋण (दुखोंका ऋण) २।१५।६ दीव-द्वीपकुमार (देव) १०।२९।७, १०॥३३॥१४ दुई-दूती ९।१९।२ दीवय-दीपकांग (कल्पवृक्ष) १०।१८।११ दूरत्तणु-दूरत्व - ३।१६।११ दीवराइ-द्वीपराज, द्वीपोंमें श्रेष्ठ ११३।४ दुरुज्झिवि-दूर + उज्झ + इवि दीवेसरु-द्वीपेश्वर द्वीपोंमें श्रेष्ठ १०।९।५ (दूरसे ही छोड़कर) ११३७, १११५७ दीहर-दीर्घ २।२०१२ दूरन्तरे-दूरान्तरित ३।१५।१ दुक्ख-दुख १११४७ दूसह-दुस्सह १११४७ दुखुर-दो खुरवाले जीव १०।८।१४ दूसह-पयाव-दुस्सह प्रताप ३।१२।३ दुग्गट्ठिउ-दुर्गस्थित ३।१४।१२ दूसहयर-दुस्सहतर १।९।७, ७।१४।३ दुच्चरु-दुश्चर ८।१७।३ देव-देव (अरिहन्तदेव) १०।१४।१२ दुचरमि-द्वि चरम १०।३७।१० देवकुरु-देवकुरु (क्षेत्र) १०।१४।१४ दुज्जण-दुर्जन २१११७ देवरिसी-देवर्षि (लौकान्तिक देव) २।१३१७ दुज्जय-दुर्जेय १।१।२, २।६।६ देवागमु-देवागम (देवोंका आगमन) २।१२।१ दुद्ध-दुग्ध, दूध ४।१५।१ देवा-देवगण ११३७ दुद्धरु-दुर्द्धर ३।२४।११ देविणो-दा+ इणु १।१७।१३; २।६।१० दुप्पिक्ख-दुष्प्रेक्ष्य १०।२८।१३ देवेंद-देवेन्द्र २।१२।३ दुब्भउ-दुर्भव, दुर्गति २।२।१ देसविरउ-देशविरत ( गुणस्थान ) १०॥३६१७ दुब्भेए-दुर्भेद्य ४।१६।१३ देशाइय-देशादिक १।१४।१० दुम-द्रुम, वृक्ष ११५।५ देसु-देश १०॥३९।११ दुरियासण-दुरितनाशक १०।३।१ देहताणु-देहत्राण ५।१५।५ दुराशा-दुराशय ३।११।११ दोहण-द्रोही १०.३८।१० दुरियासउ-दुरिताशय ६।११।५ दोहले-दोहला ९।९।७ दुरिया-द्विरद ( गज) ४।२३।६ दंड-डण्डा ५।५।१० दुरेह-द्विरेफ, भ्रमर ४१८१९ दंतुज्जला-दन्तोज्ज्वल ( उज्ज्वल दाँत ) ५।१४।३ दुरंत-दुरन्त १।१४।७ दंद-द्वन्द्व समास ९।१।१५ दुल्लक्खे-दुर्लक्ष्य ४।१।१८ दंदु-द्वन्द्व ( उलझन ) १।१७।१२ दुल्लहु-दुर्लभ १।१४।१०, २।२२।५ दंपइ-दम्पति १२८५ दुलहयर-दुर्लभतर ९।१५।१४ दंभोलि-वज्र ५।८।१२ दुव्वार-दुर्वार, दुनिवार २।१०।१५ दंसणरउ-दर्शनरत २।६।४ दुव्वारु-दुर्वार, दुनिवार ३।२४।११ दसमसय-दंशमशक ( परीषह) ६।१८७ दुव्विसय-दुर्विषय ८।८।११ दसमसय-दंशमशक (मच्छर आदि) १०८३ दुवारे-द्वार, दरवाजा ३।२९।३ दंसाई-दंशमशक ( मच्छर आदि) ६।१३।३ दुविजय-द्युतिजित् (द्युतिको जीतनेवाला) १।१०।१३ दिति-ददत् १।१७।६ दुविह-द्विविध १।९।४, १।१५।२ दुंदुहि-दुन्दुभि ( वाद्य ) २॥१२॥३,४ दुहगंजिय-दुःख-गंचित (दुखसे पीड़ित ) १०५।१ दुह-ध्वंस-दुःख-ध्वंस ४।२।१४ दुहयारि-दुःखकारी २।१४।१० धणउ-धनद (कुबेर) ९।१६।१३ दुहिय-दुहिता (पुत्री) ६।४२ धणज्जउ-धनंजय (राजा) ८।१५ [५] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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