Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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३२०
वड्डमाणचरिउ
जम्मबुहि-जन्माम्बुधि ( जन्म-मरण रूपी जाणंतु-ज्ञा + शतृ १।१५।४; १।१७।४; २।११३ समुद्र) १।१४।९ जामिणी-यामिनी, रात्रि
२।३।१५ जमराय-यमराज
४७८ जायमित्तु-जातमित्र, इन्द्रमित्र ८१७१९ जमराय दूउ-यमराज-दूत (यमराजका दूत) ३।१०।३ जायवेउ-जातवेद (अग्नि)
११५।३ जम-सासणु-यम-शासन (यमराजका शासन) जायसकुल-जैसवाल कुल (आश्रयदाता
१०।२५।८ नेमिचन्द्रका)
११।३ जमु-यम
जायस वंस-जायस वंश (आश्रयदाता जय-जय ११११३; १११४; ११११५
नेमिचन्द्रका)
१०४१२ जय-वेरि-जित वैरि (शत्रुओंको जीतनेवाला)
जाला-ज्वाला
५।२२।६ १।१५।१३ जालावलि-ज्वालावलि
५।२२।१० जयसिरि-जयश्री
११६१ जालेवि-ज्वाल्य, जलाकर (दाह-संस्कार कर) जयावइ-जयावती (रानी) ३।२२।६
१०॥४०॥१६ जर-जम्मण-जरा-जन्म १।१०।१ जावय-जपा-कुसुम
७.१४।१० जराउज-जरायुज (गर्भस्थान) १०११२१७ जास-यस्य-जिसका
२११६६ जरु-जरा (बुढ़ापा) १०।२५।२५ जासिं-यस्याः
११६८ जलकील-जल-क्रीड़ा २।२०।१३ जिगीसए-जीतनेकी इच्छा
६।११४ जल-निज्झर-जल निर्झर (जलस्रावी) ४।२०१७ जिण-जिनेन्द्र
१।२।२; ११२।१२ जल-जल (कायिक जीव) १०।४।३ जिणणाह-जिननाथ
२।४।१० जल-खाइय-जलखातिका ११४५ जिणदिक्ख-जिनदीक्षा
१।१५।३ जलणजडी-विद्याधर नरेश ज्वलनजटी ३।२९।१४; जिणधम्म-जैनधर्म
२।५।३ ३१३०१७; ४|१११, ४।७।३; ४।९।९; जिणनाह-जिननाथ
१७३ ४।१८।८; ५।८।८; ६।१।१३; ६।२।९ जिणभत्ति-जिनभक्ति
२।५।२० जलणुव-अग्निशिखावत् २।१६।९ जिलिंगु-जिन-लिंग
२।१४।११. जलयरु-जलचर १०।१०।९ जिणवत्त-जिनोक्त
२।१५।११ जलयंतरगय-जलदान्तर्गत (मेघोंके मध्यमें) १।४।३ जिणहर-जिनगृह-जैनमन्दिर
१।१२।७ जल-वहल-जल-बहुल भाग १०।२२।११ जिणाहीस-जिनाधीश
८1१०1८ जलवाहिणि-जलवाहिनी
२।१०।३ जिणुच्छव-विहि-जिनोत्सव की विधि ३।२।९ जलहरु-जलधर (मेघ) ११६६४ जिणेसर-जिनेश्वर
श१११४ जलंत-ज्वलन्त ३।२०१७ जिणेसर-जिनेश्वर
२१११५ जव-जो ८।५।१० जिणेसरु-जिनेश्वर
१०।११६ जवणाली-सन्निह-जोकी नालीके सदृश
जिणंद-जिनेन्द्र
२।९।१७।६।३ (श्रवणेन्द्रियका आकार) १।११८ जित्थ-यत्र
११३७ जस-यश
१।५।९; २।१३।६ जिप्पइ-जिधातोः कर्मणि (जीतना) १११४।११ जहन्न-जघन्य १०।१९।११ जिय-जित
१।२१८ जहिँ-जहाँ
१।३।११; १।३।१५ जियकुसुमाउहु-जितकुसुमायुध (कामविजेता) जाउ-उत्पन्न २।३।३
२।८।११ जाण-जानकर, ज्ञाता
१।१।१० जिह-यथा, जैसे, जिस प्रकार ११२।५; १।२।१२ जाणविउ-ज्ञापित २१४५ जीउ-जीव
१।१५।१
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