Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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शब्दानुक्रमणिका
३१५
खणु-क्षण १।१५।९, ११६७ खेउ-खेद
३।२९।५ खाणेक्कु-क्षणैक १।१६।३ खेए-खेद
२।२।३ खप्पर-खर्पर (खपरा) २।१२।४ खज्ज-खीझना
२।१२ खम-क्षमा ३।१७।८ खेत्तावेक्खइ-क्षेत्रापेक्षया
१०।१३।३ खय-क्षय ११७८ खेत्त-क्षेत्र
९।१।११ खयरामर-खचरामर (विद्याधर एवं देव) १।१२।१०।। खेमापुरी-क्षेमापुरी (नगरी)
८११३ खयराहिव-खचराधिप (ज्वलनजटी)
खेमु-क्षेम (कल्याण)
३।४।१३, ५।४।१२ ३।२१।१२,४।२।३,५।२०१४ । खेमंकर-क्षेमंकर मुनिराज ८।२।९, ८।१०।१० खयरेस-खचरेश (ज्वलनजटी) ४।४।७।। खेयर-खेचर (विद्याधर)
२।२२।७ खयरोरय-खचरोरग (विद्याधर और नाग) २।१४।८ खेयरवर-खेचरवर
१।८।१४ खयसमए-क्षय समय (प्रलयकाल) ४॥२०१८ खेयरा--विद्याधर
१८।११ खर-खर पृथिवी १०।६।१३ खेर-(देशी) द्वेष, नाश
३।२४।११ खरपुहवी-खर पृथिवी १०७।४ खेलरुइ-(देशी) खिलाड़ी
५।१३।४ खरवहुलु-खरबहुल (पृथिवीखण्ड) १०।२२।८ खोणि-क्षोणि (भूमि)
१०.४७ खरसयण-खरशयन (कठोर शयन) १०।२५।१६ खोणिरय-क्षोणीरज
५।७।१२ खर-खर (वायु) १०।२४।५ खंडिय-खण्डित
१।१५।१० खल-खल (खलिहान) ९।१।११ खंति-क्षमा (गुण)
१०।२।१३ खल-दुष्ट २११११७ खंधु-स्कन्ध
१०१३९।११ खलिण-(देशी) लगाम
४।२४।७ खाइय-खातिका (खाई)
१४५
[ग] खाणि-खानि ३।९।१३ गइंद-गजेन्द्र
१०।१३।१ खार-क्षार (खार) १०१७।५ गई-गति
१।३।११ खित्तु-क्षिप्त (फेंका) ५।१३१५ गउ-गतः
१७।१२, १११०१६ खित्तुब्भउ-क्षेत्रोद्भव १०।२७।३० गच्छइ-/ गम्, जाता है।
१११०१२ खिव-/क्षिप्
१।१५।६ गच्छंत-/ गम् + शतृ (जाते हुए) १।१६।२ खीणकसाय-क्षीणकषाय (गुणस्थान) १०॥३६।९ गज्ज-गर्ज
३।२।६ खीर-क्षीर (खीर) १०७५ गण्णु-गणय् (गणना)
३।१४।१० खीराकूवारि-क्षीरसागर ९।२०१८ गण-समूह
१।५।१ खीरणीर-क्षीर-नीर २।१५।५ 'गणहर-गणधर (गौतम)
१०११११ खीरोवरु-क्षीरवर (द्वीप) १०।९।६ गणियाणण-गणितानन
१०।१।१४ खीरंवुहि-क्षीराम्बुधि
९।१४।७ गणेसु-गण + ईश (गणधर) ९।१।१२, १०।६।१२ खुडिउ-खुडित (खोंटना या फोड़ना) ५।२३।२१ गत्त, गत्ता-गात्र
१।१४।१३, २०५९ खुदु-क्षुद्र ५।६।५ गत्त-गात्र
१।१४।४ खुब्भिय-क्षुब्ध ४।२४।१ गब्भावयार-गर्भावतार
२।१२।१ खुर-खुर ४।२०।९ गब्भु-गर्भ
२।२।११, १०।१२।४ खुरप्प-खुरपा (जीभके आकारका शस्त्र)
गब्भुब्भव-गर्भोद्भव
१०१०१७ १०।११।९, १०।२६।१३ गय-गज
१११५।५, १।१७११ खुहिय-क्षुब्ध ४।६।१२ गय-गदा
५।९।१५
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