Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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एक अकेला
एत्थ - अत्र
एत्थं तरि-इसी बीच
एत्यंतर - अत्रान्तर
एयारह - एकादश (ग्यारह ) एरावउ - ऐरावत (क्षेत्र) एव - एव (ही).
[ओ]
ओज्जा-ऊर्जा
ओरालिउ - औदारिक (शरीर )
ओलिग्ग अव + लगित अथवा लग्न
ओहि - उदधि, समुद्र ओहर - ओधर (नामक जलचर जीव )
[अं]
अंकिय अंकित
अंकुर अंकु अंगरक्ख- अंगरक्षक
अंगार - अंगार
अंगार - मंगलग्रह अंचि-अचित
अंचिवि-अर्चना
अंजण - अञ्जन (गिरि)
अंडज - अण्डज (जन्मनाम )
अंतरुस - हृदयमें रुष्ट अंतिम अन्तिम
अंभोय - अम्भोज (कमल) अंभोरुहु-अम्भोरुह
मोह-मोह अंवसु-इन्द्र
कइ-कपि
कच्छा - कच्छ ( देश ) कइ-कवि
क 1
कइरव - कैरव
कइलास - कैलास (पर्वत )
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शब्दानुक्रमणिका
१०१३५/३
१०।६।१
४१६२
२।१०।१
३।१६।९
१।१२।१
कच्छप- कछुआ
१०१४११८ कच्छावणीसु-कच्छ देशका राजा
१०।१३।१२
कज्जि - कार्य
१।१५/५
कज्जु-कार्य
कडक्ख-कटाक्ष
कड - कटक ( सेना )
कड - कटक ( आभूषण )
कडाय- कटाह, कढ़ाही
afs - तलहटी
५।१७।२०
१०१९१२
१०१८ १२
५।११।११
४|१|१६
२।५।१२
१०।२३।११
१०।३४।१७
२।१३।७
१।९।६
५।१३।१०
१०।१२।७
४११६।१
१।२१८
९।६।१५
२।१९।९, ४।२१।६
८१०/१०
१०।६।११
१०।१८ १
८११२
१२११०
९१९१९
२।१४।१४
कइवय-कतिपय
कइंद - कवीन्द्र
कच्छ-णरेसर-कच्छन रेश्वर
३११
१११७१६, २२३, ३।१५।२ ९।४।११
४|३|४
१०१८/१२
३।३०१२
१।७।१२
१।१६ १
२२०१३
४।२२।११
१०1३१।१६
४।२१।१३
९१८८
५।११९
४११३९
३।२३।११
१०।१।२
४१४१९
८|४|४
४।६।३
६।१६।२
९।५।२ २।१७।१२ २।११।१०, ६।१५।५
७१।१२
कणयकूड-कनककूट
१।१२।७
१०।१६।३
कणयकूला -- कनककूला ( नदी ) कणय कुंभ - कनककुम्भ ( मुनिराज ) कणय - कनक (स्वर्ण )
६।१०१९
३।२/३
७२।१०
कणयद्धउ - कनकध्वज ( राजकुमार ) कणयदेवि - कनकदेवी ( दिक्कुमारी )
९।५।१०
कण-पह - कनकप्रभा ( कन्या )
७३।१०
कणयप्पहु - कनकप्रभ
७१२।१
राजा ) कणयमाल - कनकमाला ( रानी ) ३।१९।२, ७२८ कणिट्ठ-कनिष्ठ
३।३।५, ५।२२।१
कत्तउ-कर्त्ता
कत्तियमासि - कार्तिकमास
२१९१८ १०/४०११२
कमिउं - कर्दमित
४११४१३
कद्दमु - कीचड़
४२३।३
कठिण - कर्कशता कत्तिकाठिन्य कठिणुन्न कठिनोन्नत
कण्णदान - कन्यादान
कण्णा - कन्यारत्न
कण्णुप्पल-कर्णोत्पल कण्णंजलि - कर्णाञ्जलि
कण कन्या
कण-कण ( अंश )
कण-धान्य
कणयउरु - कनकपुर ( नगर )
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