Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 415
________________ ३१२ वडमाणचरिउ कन्ह-कृष्ण (त्रिपृष्ठ )" ५।१६।२४३१०।२१।१९ करीस-करीश ४।२२।१ कन्हु-कृष्ण ( त्रिपृष्ठ) ६।११-१२, ६।७।३ कर-कर ( टैक्स ) ३।१२।४ कप्पजाय-कल्पजात (देव) १०१३३१० करुणा-करुणा १६२ कप्पदुमु-कल्पद्रुम २।१२।८ करुणावरियउ-करुणावतरित १।६।२ . कप्परुक्खु-कल्पवृक्ष १।५।११ करुणु-करुण ( T २।२१।३ कप्पवास-कल्पवास ( स्वर्गवास ) ९।१।११ करोह-करौघ, किरण-समूह १।१२।८, १।४।११ कप्पामर-कल्पामर ( देव ) १०१११२ कलकंठ-मनोज्ञ कण्ठ २।८।६ कम्म-कर्म २।९।११, ८।१०।५, १०।६।२ कलत्तु-कलत्र ३।८।४ कम्मक्खउ-कर्मक्षय ६।१६।१. कलयल-कलकल ( ध्वन्यात्मक शब्द) ३।१५।६ कम्मभूमि-कर्मभूमि १०।१५।२, १०।१६।१० कलयलंत-कल-कल (ध्वन्यात्मक शब्द ) १२८।१० कम्मावणि-कर्मभूमि १०१६।१० कलरव-मधुर वाणी । ३।१०५ कम्माहार-कर्माहार १०1३५१ कलस-कलश श७१६, ४।४।१,९।६।२ कम्मिधण-कर्मेन्धन १०।३६।१९ कलसद्द-मधुर वाणी १।१६।१४ कमल-कमलपुष्प १२।३,११४।१४ कलस-कलश ९।१४।१२ कमलायरु-कमलाकर १।१०।४ कलहु-कलभ ४।१७।८ कमलायर-कमलाकर ( मुनिराज ) ६।१७।६ कलहंसि-कलहंसिनी ८।१८ कमलाहारो-कवलाहार १०॥३५॥२ कलाव-कलाप १०६७ कय-कृत १।१२।५, १०।५।३ कलाहरु-कलाधर ( चन्द्रमा) ८२।६ कय-उज्जम-कृतोद्यम ४।३८ कलिउ--कलित, सहित २।५।१३ कयंत-कृतान्त ( यमराज) २।१६।५, ३।१५।७, कलिय-सहित २।५।१३ ५।२११४ कवए-कवच ५।७४१५ कर-चुंगी, टैक्स ६।३।९ कवणु-कौन-कौन २०६५ कर-V १।४।१७ कवलास-कवलाहार १०॥३२॥५ करडि-करटिन्-हस्ति ४।२४।५ कवसी-कपिश ९।६।२६ करण-करण १०।५।३ कवाड-कपाट . १४७ करयल-करतल २।११३ कवाल-कपाल ३।२२।१ करवत्त-करपत्र ( अस्त्र) ६।१३।५ कविलहो भूदेव-कपिल भूदेव (ब्राह्मण) २।१६।६ करवय-कतकफल ४।१४।३ कविलाइय-कपिल आदि २।१५।१० करवाल-करवाल-तलवार ५।७।५ कवित्थ-कपित्थ (कैथका वृक्ष ) १।१५।९, ३।१७१७ करहु-ऊँट ४।२१।९ कसण-कृष्ण ( काला) ११५।१०, १०७२ कराइय-कारापित २।१३।१० कसणाणण-कृष्णानन, कृष्णमुख २।२।१२ कराफोड़ि-अंगुलिस्फोट ९।११।७ कसणोरयालि-कृष्णोरगालि १।४।१२ कराल-कराल २।७।१० कसाय-कषाय ८।१०।४ करि-हाथ ५।२।१३ कहार-कहार ( ढीमर ) ४।२१।१४ करि-हाथी २।५।१८ कहिय-कथित ११११११ करि-हाथी ( रत्न) ८।४।४ कहा-कस्य १५।१० करिदंत-गजदन्त ४।६।२ काउ-V कृ + तुमुन् कर्तुम् १।१२।१ रिंद-करीन्द्र ४।१२।११ कागणीएमणि-काकणीमणि ૮૪? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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