Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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वडमाणचरिउ कन्ह-कृष्ण (त्रिपृष्ठ )" ५।१६।२४३१०।२१।१९ करीस-करीश
४।२२।१ कन्हु-कृष्ण ( त्रिपृष्ठ) ६।११-१२, ६।७।३ कर-कर ( टैक्स )
३।१२।४ कप्पजाय-कल्पजात (देव) १०१३३१० करुणा-करुणा
१६२ कप्पदुमु-कल्पद्रुम २।१२।८ करुणावरियउ-करुणावतरित
१।६।२ . कप्परुक्खु-कल्पवृक्ष
१।५।११ करुणु-करुण ( T २।२१।३ कप्पवास-कल्पवास ( स्वर्गवास ) ९।१।११ करोह-करौघ, किरण-समूह १।१२।८, १।४।११ कप्पामर-कल्पामर ( देव ) १०१११२ कलकंठ-मनोज्ञ कण्ठ
२।८।६ कम्म-कर्म २।९।११, ८।१०।५, १०।६।२ कलत्तु-कलत्र
३।८।४ कम्मक्खउ-कर्मक्षय
६।१६।१. कलयल-कलकल ( ध्वन्यात्मक शब्द) ३।१५।६ कम्मभूमि-कर्मभूमि १०।१५।२, १०।१६।१० कलयलंत-कल-कल (ध्वन्यात्मक शब्द ) १२८।१० कम्मावणि-कर्मभूमि १०१६।१० कलरव-मधुर वाणी ।
३।१०५ कम्माहार-कर्माहार १०1३५१ कलस-कलश
श७१६, ४।४।१,९।६।२ कम्मिधण-कर्मेन्धन १०।३६।१९ कलसद्द-मधुर वाणी
१।१६।१४ कमल-कमलपुष्प १२।३,११४।१४ कलस-कलश
९।१४।१२ कमलायरु-कमलाकर १।१०।४ कलहु-कलभ
४।१७।८ कमलायर-कमलाकर ( मुनिराज ) ६।१७।६ कलहंसि-कलहंसिनी
८।१८ कमलाहारो-कवलाहार १०॥३५॥२ कलाव-कलाप
१०६७ कय-कृत १।१२।५, १०।५।३ कलाहरु-कलाधर ( चन्द्रमा)
८२।६ कय-उज्जम-कृतोद्यम ४।३८ कलिउ--कलित, सहित
२।५।१३ कयंत-कृतान्त ( यमराज) २।१६।५, ३।१५।७, कलिय-सहित
२।५।१३ ५।२११४ कवए-कवच
५।७४१५ कर-चुंगी, टैक्स ६।३।९ कवणु-कौन-कौन
२०६५ कर-V १।४।१७ कवलास-कवलाहार
१०॥३२॥५ करडि-करटिन्-हस्ति ४।२४।५ कवसी-कपिश
९।६।२६ करण-करण १०।५।३ कवाड-कपाट .
१४७ करयल-करतल २।११३ कवाल-कपाल
३।२२।१ करवत्त-करपत्र ( अस्त्र)
६।१३।५ कविलहो भूदेव-कपिल भूदेव (ब्राह्मण) २।१६।६ करवय-कतकफल ४।१४।३ कविलाइय-कपिल आदि
२।१५।१० करवाल-करवाल-तलवार
५।७।५ कवित्थ-कपित्थ (कैथका वृक्ष ) १।१५।९, ३।१७१७ करहु-ऊँट
४।२१।९ कसण-कृष्ण ( काला) ११५।१०, १०७२ कराइय-कारापित
२।१३।१० कसणाणण-कृष्णानन, कृष्णमुख २।२।१२ कराफोड़ि-अंगुलिस्फोट ९।११।७ कसणोरयालि-कृष्णोरगालि
१।४।१२ कराल-कराल २।७।१० कसाय-कषाय
८।१०।४ करि-हाथ ५।२।१३ कहार-कहार ( ढीमर )
४।२१।१४ करि-हाथी २।५।१८ कहिय-कथित
११११११ करि-हाथी ( रत्न) ८।४।४ कहा-कस्य
१५।१० करिदंत-गजदन्त ४।६।२ काउ-V कृ + तुमुन् कर्तुम्
१।१२।१ रिंद-करीन्द्र ४।१२।११ कागणीएमणि-काकणीमणि
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