Book Title: Updesh Ratnamala Tatha Prakirna Updesh
Author(s): Padmajineshwarsuri, Munisundarsuri, Manilal Nathubhai Doshi
Publisher: Suriramchandra Diksha Shatabdi Samiti

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Page 14
________________ निवेदन. __श्री पद्मजिनेश्वरसूरी महाराज कृत उपदेशरत्नमाला नामनो मूळ अथ छे. तेनु गुजराती भाषांतर विवेचन साथे श्रीयुत मणीलाल मथुभाई दोशी बी. ए. अमदाबादवालाए करेल. ते पुस्तक गुजराती टाइपमा शाह मोतीलाल नगीनदास अमदाबादवालाए थोडाक वरस पहेला छपावेलु हतु. पण ते पुस्तक हालमां मळतु नथी. . २. श्री मदक्जियनीतिसूरीश्वरजी माहाराजना शिष्यरत्न श्रीमद्विजयहर्षसरीजी तथा प्रशिष्य पन्यासजी श्री मानविजयजी गणी आ बरसे पुना सिटीमा चार्तुमास बिराजेला छे. एमना सदुपदेशथी आ पुस्तकनी बाळबोध टाईपमा आवृति छपावी प्रसिद्ध करी छे. तेमां वधारा तरीके श्री मुनिसुन्दरसूरीश्वरजी माहाराज विरचित प्रकीर्ण उपदेश विवेचन साथे छेवटे पृष्ट ३९ मांथी दाखल कयों छे.आ बन्ने विषयोमा पन्यासजी माहाराज श्री मानविजयजी गणीए भूल चूको सुधारी तथा ग्रंफो तपासी आपेला छे. छता पण दृष्टी दोषथी अथवा प्रेस दोषथी कांइ भुल चुक रही गइ होय तो सुज्ञोए सुधारी वांचवु अने ते भुलो अमोने जणाववी एटले हवे पछीनी आवृत्तिना वखते तेनो उपयोग थशे. ३. पुस्तक छपाववानो अमने अनुभव नहीं होवाथी उक्त पन्यासजी माहाराजश्रीनी प्रेरणाथी अमारा धर्मबंधु शाह शिवनाथ टुंबाजी पोरवाल मु० पुना सिटी ठेकानुं वेताळ पेठ घर नं. ३५६ वालाए आ पुस्तक छपावी आपवामां तथा प्रेस कॉपी लखवामां तथा प्रुफ तपासवा विगैरे सरवे काममां पोते तन मनथी जे. मदत परमार्थ बुद्धिथी आपी छे ते बदल तेमनो आभार मानवामां आवे छे. संवत १९९१ प्रसिद्धकर्ता. भादरवा सुद १५ गुरुवार शा. हिराचंद मयाचंद ता० १२ सपटंबर सन १९३५... मु० आळंदी ( चोराची ) जि. पुणे.

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