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अने-अत्यारे तो तेनी बहु सारवार थती देखाय छे पग आगळ उपर तेना हाल थाय ते जो जे. पोतानी मार्नु आQ कहेवू सांभळी कांइक संतोष राखी वांछडो जे बने छे ते जोया करे छे. पाच दश दिवस आ प्रमाणे चाल्या गया. एक दिवस मोटा घरनां पैसादार सगा मेमान थईने आव्या: एटले सवारनां पहोरमां बराडा पाडता बोकडाने पकडीने मारी नाख्यो. अने तेना मांसना कटका करी, भुंजीने आखं घर अने मेमान जम्या. वाछडो आ सर्व हकीकत जोई. ते दिवस पण पोतानी गाय माताने धाव्यो नहि अने माताना पुछवाथी कहेवा लाग्यो के 'मने तो बहु बीक लागे छे, बोकडानी आ स्थिति जोई मने तो धाववानी इच्छा पण थती नथी.' गाय माताए का 'वत्स' में तो तने तेज वखते कडं इतुं के आ सर्व मरवा माटेज छे. (उपनय ) जेवी रीते बोकडो आनंदमां निमग्न थई यथेष्ट खातो हतो अने पुष्ट पण थयो हतो, परंतु ज्यारे परोणा आव्या त्यारे तेनो शिरच्छेद थयो. अने ते वखते राडो पाडीने रोवा लाग्यो; तेवीज रीते तुं प्रमादथी विषय कषायमां आसक्त रहीने यथेष्ट विचरे छे अने पापथी पुष्ट थाय छे पण ज्यारे आयुष्य पूर्ण थशे त्यारे मनुष्यजन्म हारीने नरकादि दुर्गतिमा जतां मनमा बहुज खेद पामीश. पण पछी ते खेद कांइ काम आवशे नहि. माटे विचार करीने तारे तारू चेष्टित एवं सारू राख के जेथी भविष्यमां खेद थवानो संभव रहे नहि. सुख शं? क्या मळे ? क्यारे मळे १ कोने मळे ! शा माटे मळे १ तेनुं परिणाम शु थाय? तेनो विचार कर, केटलाक जीवो वाछडानी पेठे बीजानां सांसारिक सुखोनुं अवलोकन करी पोतानी मंद स्थिति माटे पस्ताय छे पण तेओ तेनो वास्तविक विचार करता नथी. तेने जो कोई गाय माता जेवू सत्य स्वरूप समजावनार मळी जाय तो सारं, नहि तो तेने निरंतर परिताप रहे छे. आ उदाहरण घणुं असरकारक छ अने तेना पर विचार चलावी पोता पर लागुं पाडवाथी उपयोगी बोध मळे तेम छे.
॥ दृष्टांत बी -काकिणीनुं॥ एक गरीब माणस हतो. ते पैसा कमावा सारू परदेश गयो, परदेशमा बहु महेनत करीने हजार सोनैया कमायो. पछी कोई सार्थ पोताना देश तरफ जतो हतो. तेने सथवारे ते पण देश तरफ जवा निकळ्यो, बधी सोना