Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Jain Pustak Pracharak Samstha
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir औ०१९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥८॥ आसीतै बत्तीसं २१-६ | आहारो ऊसासो २७-११६० | रक्कं पंडियमरणं आसी य खलु आउसो! २७-१५सू० | आहारो परिणामो २७-(४६७)प्र० आसी य समणाउसो! २७-१६सू० आर्हिडिऊण वसुहं २७-६६३ इक्कमिवि जमि पर आसीयं बत्तीसं २२-१३४ इअ उवएसामय० २७-४२९ आसी सुकोसलरिसी इअ कलिऊण सहरिसं २८-२९२ आसुक्कारे मरणे २७-६९ इअ खामिआइआरो २७-६९३ ,, वि० ते तस्स आसेहि य हत्थीहि य २७-१८१४ इअ जीवपमायमहारिक २७-६३ , सो तेण आहारए गं० पुच्छा २२-२४६सू० इअ जोइसरजिणवीर | इकाइ अग्गिजालाइ आहारगसरीरेणं० कतिविधे २२-२७४सू० इअ तस्स बहुगुणदे० | इक्काइ जलुम्मीए आहारनिमित्तणं अहयं २२-१८६ इअ तह विहारिणो । २७-६९५ इकाइ वायुगुंजा " , मच्छा० २७-११४ इअ वंदणखामणगरिहणाहिं २७-३२५ इक्काइ विज्जुयाए २७-१४८३ इअ सिद्धाणं सुक्खं २७-१२२५ इक्कारस य सहस्सा २७-२८७ इक्कस्स उ जं गहणं इक्किकम्मि य जुयले आहारभवियसण्णी २२-२२० रक अप्पाणं जाणिऊण २७-१२६३ आहारसमसरीरा २२-२०९ एक खिप्पं सो मरणाणं २७-१५१५ | इक्को उप्पज्जए जीवो आहारे उवओगे २२-९ | इकं च सयसहस्सं २७-२०३८ | इक्को करेइ कम्म आहारो उस्सासो २२-५८४ |इकं पंडियमरणं २७-२२३ २७-१४८० सूर्य०/२३ | चं०।२४ २७-२३८ जं. २ २७-१५३०नि० २६ २७-१५२९ प्रकी०२७ २७-२३७ २७-२३६ २७-९९० २७-९८५ " २७-९८९ २७-२०५३ २७-२००२ २७-९५५ २७-१४७ २७-१७७ २७-१८२० ॥८॥ For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 183