Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Jain Pustak Pracharak Samstha
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ०१९ रा० २० जी० २१ CHOPRA आणयपाणयकण्ये "" 33 99 33 प्रज्ञा०२२ आतपतिट्ठियखेत्तं आभरणवत्थगंधे ॥ ७॥ 39 23 23 आमंतणि आणमणि आयरिअ उवज्झाए 35 39 55 आयरिया मंगलं मज्झ आया चक्खाणे आया में जं नाणे आयारवं च उवधारवं आयासकिलेसाणं आया हु महं नाणे आयंके उवसग्गे www.kobatirth.org २७-११०१ २७- ११३० आरंमेसु पसत्ता आराहओ तहवि सो आराहणपश्चइअं २७-११६३ २२-२०१ आराहणलाभाओ २१-३३ आराहणार खेमं आराहणापडागागहणे २२-२०५ २२-१९६ आराहणापुरस्स २७-३२३ आराहणोवउत्तो २७-६१० २७-१५७० २७-२५० २७-१४५१ २७-१४४ आराहेऊण विऊ जहन्न "" 39 २७-१३२१ २७-१८३९ आराहेऊण० सत्तट्ठ भव० आरुग्गमविग्धं खेमियं २७-८७ २७-१२७४ 39 59 आराहेऊण उक्कोसेण य आराहेऊण विऊ " 33 आरुहिअमहं सुपुरिस ! २७-८१३ आरुहियचरितभरो २७-१३५७ आलोइयनिस्सल्लो २७-३१९ आलोयणाइदोसे २७-३२७ " आलोयणाइ संलेहणाइ २७-३११ २७-३५५ आवलिआइ विमाणाण २७-३५१ आवलियमुहुत्तग्गे २७-१२४ 33 आवलियाइ विमाणा २७-२६४ २७-१५५४ २७-२७१ २७- १५५३ २७-२७२ 35 आसपुरा सीहपुरा आसरिया य मणोहर० आसवदारेहिं सया संवरनिज्जर २७- १५५५ आसीअ पोअणपुरे आसी कुलाणनयरे आसी गयसुकुमालो २७-२९३ | आसी चिलाइपुत्तो २७-८५२ २७-५९२ For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २७-१५८५ २७-७० २७-१३५४ २७-१३५९ २७-१३१६ २७-११३६ २४-७ २४-१२ २७-११३७ २५-६२ २७-१६८९ २७-१८५४ २७-६०९ २७-६४२ २७-६६७ २७-६७३ २७-६७२ सूर्य०२३ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ || 6 ||

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