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१४. अयोग केवली गुणस्थान
___ इस गुणस्थान में कर्म बंध का अन्तिम कारण योग भी नष्ट हो जाता है । अघातिया कर्म भी क्षीण हो जाते हैं । इस गुणस्थान में जीव बहुत कम समय के लिए रहता है तथा आयु पूर्ण होने के बाद मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है । मोक्ष प्राप्त हो जाने पर कोई गुणस्थान नहीं रहता है।
-डा० अनिलकुमार जैन
१२, शारदा कृपा सोसाइटी पो० चांदखेड़ा, अहमदाबाद-३८२४२४
खण्ड २३, अंक २
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