Book Title: Tiloypannatti Part 3
Author(s): Vrushabhacharya, Chetanprakash Patni
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
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[ ४३ ]
१२३ रोज्न
यहाँ ४ आकृतिय! क्रमश: क ख ग घ प्राप्त होती हैं जिनमें क = घ और ख ग हैं।
च
क ख ग
क और घ को समामेलित
करने पर एक चतुर्भुज प्राप्त २० योजन
हो जाता है जो ख और ग
के समान होता है। इनमें से योजन वाली पट्टियां अलग तथा १२ योजन वाली षष्टी अलग करने पर तथा ६ योजन वाली पट्टी अलग करने पर
3-
६ नौ
___१२ यो.
FP---
क्षे
७२
मो.
।
मी.
अब ऊपर के खंड को भी इसी प्रकार विस्तारित करो पर ..
शाप्त होगी जिसमें से
० ३६वर्गमो.
कायतथा
एक पट्टी
पाप होगी।
यो.
६मा.. इस पुकार मह सर्वप्रथम ध्यान ३६+२+३६ - १४४ वर्ग योनी
ओर दिया है।६वर्ग योजना . अलशकरत हाट केवल 2 वर्गमो.
को गवना में लेकर १४+२:१४६ वर्ग योजा क्षेत्रफल फोता है।
......
1. क्षेत्रफल-३४९ : ३वर्णयोः के गाने डोकेर २ins