________________ श्री तरहद्वीप पूजा विधान [279 NrNANNEVENINrvNrNrsawrsasravasava प्राणी चंदन केशर गारकै, जिन चरन पूजत जाय। प्राणी मन वच काय लगायकै, बहु भक्त करो मन लाय॥ प्राणी श्री. // प्राणी विद्युन्माली. // 3 // ॐ ह्रीं. // चंदनं / / प्राणी मुक्ताफल सम सोहनो, अक्षत ले मंदिर जाय। प्राणी पुंज मनोहर दीजिये, जिन चरणन शीश नवाय॥ प्राणी श्री. // प्राणी विद्युन्माली. // 4 // ॐ ह्रीं. // अक्षतं / / प्राणी वेल चमेली केवडा, इन आदिक फूल मंगाय। प्राणी ले जिनमंदिर जाइये, तहां जजत जिनेश्वर पाय॥ प्राणी श्री. // प्राणी विद्युन्माली. // 5 // ॐ ह्रीं. // पुष्पं / / प्राणी बावर घेवर आदि दे, नाना विधके पकवान। प्राणी कनकथाल भर लायकै, पूजो तुम श्री भगवान॥ प्राणी श्री. // प्राणी विद्युन्माली. // 6 // ॐ ह्रीं. // नैवेद्यं / / प्राणी मणिमई दीप बनायकै ताकीजगमग जोत प्रकाश। प्राणी मन वच तन कर आरती जिनराज चरनके पास॥ प्राणी श्री. // प्राणी विद्युन्माली. // 7 // ॐ ह्रीं. // दीपं / / प्राणी धूप सुगंधी खेइये श्री जिनवर आगै जाय। प्राणी इन कर्मनके नाशको जिनराज सु शरणै आय॥ प्राणी श्री. // प्राणी विद्युम्माली. // 8 // ॐ ह्रीं. // धूपं // प्राणी फल ले लौंग सु लायची, बदाम पिस्ता लाय। प्राणी जजत जिनेश्वर देवका, मनवांछितके फल पाय॥ प्राणी श्री. // प्राणी विद्युन्माली. // 9 // ॐ ह्रीं. // फलं॥ प्राणी वसुविध दर्व मिलायके, ले सुन्दर अर्घ विशाल। प्राणी श्री जिनसन्मुख जायकै प्रभु पूजत है भवि लाल॥ प्राणी श्री. // प्राणी विद्युन्माली. // 10 // ॐ ह्रीं. // अर्घ।