Book Title: Terah Dwip Puja Vidhan
Author(s): Mulchand Kisandas Kapadia
Publisher: Digambar Jain Pustakalay

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Page 337
________________ 328] श्री तेरहद्वीप पूजा विधान NNNNNNNNNNNNNNNNNNANE अथ कवित्त नाम॥ सवैया 31 // अष्टादस सात अरु, सत्तर अधिक जान। संवत् शरद रितु, शुक्ल कार्तिक मास है॥ द्वादशी भृगुवार, उत्तर नक्षत्र भाय। हर्ष न सुजोग धारे, चन्द्र अंश भास है। पूजाको आरम्भ ठयो, काशी देश हर्ष भयो। भेलुपुर ग्राम जैनी-जनको निवास है। अकीर्तम मंदिर हैं, चारसै अट्ठावन जे। तिनको सु पाठ लाल-जीत यों प्रकाश है॥१॥ इति श्री तेरहद्वीप जिनमंदिर पूजन पाठ विधान सम्पूर्णम्! // इति समाप्त //

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