Book Title: Tattvabodhak Kalyan Shatak Author(s): Hemshreeji Publisher: Hemshreeji View full book textPage 9
________________ (७) मनुष्य पंचेद्री । तीर्यच पंचेंद्री। ने ६संघयण ॥५॥ ॥ छठू संज्ञाद्वार कहे छ । चार संज्ञाना नाम लिख्यते । आहार संज्ञा १, भयसंज्ञा २, मैथुनसंज्ञा ३, परिग्रहसंज्ञा ४, ए चार संज्ञा चौवीस डंडके पामे ॥ ६॥ .. - ॥ सातमुं संस्थान द्वार कहे छे ॥ ते संस्थान ६ ना नाम कहे छ। समचौरस संस्थान १, निग्रोध संस्थान २, सादी संस्थान३, वामन संस्थान ४, कुवज संस्थान ५, हुंडक संस्थान ६, ॥ नारकी ॥ पांच थावर त्रण्य विकलेंद्रीय ए नव दंडके । हुंडक संस्थान, दश भूवनपती, व्यंतर योतीषी, वैमानीक, ए तेरडंडके एक समचौरस संस्थान । तीर्यच पंचेंद्री ने । मनुष्यने ६ संस्थान । समुर्छिम मनुष्यने हुंडक संस्थान ॥७॥Page Navigation
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