Book Title: Tattvabodhak Kalyan Shatak
Author(s): Hemshreeji
Publisher: Hemshreeji

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Page 19
________________ हजार वर्षतुं । छटी खर नाम पृथ्वी ते रत्नादिक ते नुं । उत्कृष्टो बावीस हजार वर्ष नुं । पाणी नुं उत्कृष्टो सात हजार वर्ष हैं। अमि नुं उत्कृष्टो त्रण्य दिवस नुं । वायुकायनो उत्कृष्टो तीन हजार वर्ष नुं । वनस्पती नुं उत्कृष्टो दस हजार वर्ष हैं। बेइंद्री नुं बार वर्ष नुं । तेइंद्री नुं उत्कृष्टो ओगणपचास दिवस नुं । चौरिंद्री नुं उत्कृष्टो छे मासचें। पांच थावर नुं त्रण्य विकलेंद्री ए आठ दंडके सर्व जीव नुं जघन्य अंतर मुहुर्त नुं जाणवो। हवे तीर्यच पंचेंद्रीना दस भेद लिख्यते ॥ ते मध्ये जलचर गर्भज नुं जघन्य अंतर मुहुर्तनुं । उत्कृष्टो एक पूर्वकोडी वर्षनुं । जलचर समुर्छिम नुं उत्कृष्टो आउखो पूर्वकोडी वर्षतुं । थलचरगर्भज नुं उत्कृष्टो त्रण्य पल्योपम नुं । समुर्छिम थलचर नुं चोरासी हजार वर्षतुं । गर्भज खेचरनुं उत्कृष्टो आउखो पल्योपमर्नु असंख्यातमोभाग । समुर्छिम खेचरनुं उत्कृष्टो बहोत्तर हजारवषनु ।गर्भज उरपरिसपर्नु उत्त

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