Book Title: Tattvabodhak Kalyan Shatak
Author(s): Hemshreeji
Publisher: Hemshreeji

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Page 74
________________ (७२) हेवे १३६ श्रेणी लिख्यते. विद्याधर अने अयोगी देवतानी ३४ वैताड्य पर्वतनेविशे चार श्रेणीछे ३४ ने चार सुंगुणा करतां १३६ श्रेणी थाय. हवे नदियों १४५६००० लखीयेछे गंगा सींधु रक्ता ने रक्तवती ए चार नदीयोंने विशे प्रत्येके २ चौद २ हजार नदीयोनो परीवार छे सर्वे मलीने ५६००० नदियो थयी हीमवंत अने ऐरावत ए बे क्षेत्रनी रोहीता रोहीतासा रूपकला रुवार्णकला ए चार नदियोने प्रत्येकर अठावीसर नदियोनो परीवार हरिवर्ष रम्यक क्षेत्रनी हरीकंता हरीशलीला नरकंता नारीकंता ए चार न. दियोने प्रत्येक २ छपन २ हजार नदियो नो परिवार छ देव करने उत्तर करु मा ६ द्रह तेना नाम पद्म महापद्म पुण्डरीक महा पुण्डरीक तीगीरछ अने केसरी ए ६ द्रहनी ६ नदियोने विशे १ चौद२ हजारनो परिवार सर्वथईने ८४००० थई.

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