Book Title: Tattvabodhak Kalyan Shatak
Author(s): Hemshreeji
Publisher: Hemshreeji

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Page 99
________________ (९७) चारासालाख जीवाजोनीना प्राण, पर्याप्ती, इन्द्री. ___ चोरासी लाख जीवाजोनीनी इन्द्री दोक्रोड पृथ्वीकाय सातलाखअपकाय सातलाखतेउसकाय सातलाखवाउकाय दसलाख प्रत्येकवनस्पतीकाय चउदालाख साधारणवनस्पतीकाय ए बावनलाख एकेन्द्रीनाथई बेइंद्रानी चार लाख तेइंद्रीनी छे लाख चौरींदीनी आठलाख त्रणविकलेंद्रानीअठारा लाख इन्द्री थई देवतानी बीसलाख नारकीनी बीस लाख तिर्यंचपंचेंद्रीनीबीसलाख मनुष्यनीसत्तरलाख सर्वे मिली बे कोड इन्द्री थई. चौरासी लाख जीवा जोनीना प्राण५ कोड १० लाख बावनलाख एकेंद्रीना ४ प्राण तेने चार गुणा करतांबे कोड आठ लाख प्राण थया बेइंद्रीना बारालाख तेइंद्रीना चउदलाख प्राण थया चौरींदीना सोलालाख प्राणथया त्रण विकलेंद्रीना बेतालीस लाख प्राण थया देवताना चालीसलाख नारकीना चालीस लाख तीर्यचपंचेंद्रीना चालीस

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