Book Title: Tattvabodhak Kalyan Shatak
Author(s): Hemshreeji
Publisher: Hemshreeji

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Page 64
________________ (६२) गुणठाणे मार्गणा ३ नवमे मार्गणा ८ दसमे गुणठाणे मार्गणा ४ दसमानो ९-११-१२ काल करे तो चोथे गुणठाणे आवे इग्यारमा गुणठाणे मार्गणा २ ११-१० काल करे तो चोथे गुणठाणे आवे ११ बारमानो तेस्मे तेरमानो चवदमानो काल करे तो चोथा गुणठाणे जाय । इति मार्गणा दार संपूर्ण। हवे ध्यान दार लिख्यते । ध्यान ४। आरत १ रोद्र २ धर्म ३ शुक्ल ४ पहिले बीजे वीजे गुणठाणे ध्यान २ आत १ रुद्र २ चोथे पांचमें गुणठाणे ध्यान ३ आर्त १ रुद्र २ धर्म ३ छठे गुणठाणे ध्यान २ सातमा गुणठाणा सुं मांडीने चवदमा गुणठाणा सुधी ध्यान १ शुक्लध्यान १ इति ध्यान द्वार सम्पूर्ण हवे दंडक द्वार लिख्यते ॥ दंडक २४ पहिले गुणठाणे दंडक २४ लामे बीजे गुणठाणे दंडक १९ लाभे थावरना टल्या त्रीजे चौथे गुणाणो दंडक १६ लाभे ३ विकलेंद्री नाटल्या पांचमें गुणठाणे

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