Book Title: Tattvabodhak Kalyan Shatak
Author(s): Hemshreeji
Publisher: Hemshreeji

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Page 67
________________ तेथी पहिला गुणठाणाना धणी अनंत गुणा नीगोदीया जीव नी अपेक्षा थी ॥ इती अल्पा घुहुत्व द्वार सम्पूर्ण ॥ ॥ लघु संग्रहणीनो यंत्र ॥ (जंबु द्वीप लाख जोजननो) एक खांडवानु भरत क्षेत्र छे ते भरत क्षेत्र केवडु छे ५२६ जोजनने ६ कलानो छे ५०० को १०० से गुणाकया तो ५०००० हजार थया ५०० को ९० से गुणाकया तो ४५००० हजार थया २५ जोजनको १०० से गुणाकया तो २५०० थया २५ जोजन को ९० गुणाकया तो २२५० थया १ जोजनको १०० से गुणाकन्यतो १०० थया. १ जोजनको ९० गुणाकन्यतो ९० थया ६ कला को १०० गुणाकन्यतो ६०० थया ६ कलाको ९० -

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