Book Title: Tattvabodhak Kalyan Shatak
Author(s): Hemshreeji
Publisher: Hemshreeji

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Page 54
________________ ( ५२ ) गुणगणानी स्थिती पांच लघु अक्षरनी । अ, इ, उ, ऋ, लृ, । इति स्थिती द्वार संपूर्ण ॥ ३ ॥ हवे क्रियादार लिख्यते । मूल क्रिया ५ मिथ्या: त्वकी ? अपचणावरणी २ परिग्रीया ३ आरंभिया ४ मायावतिया ५ पहिले गुणठाणे क्रिया पांच लागे बीजे तीजे चोथे गुणठाणे क्रिया ४ लागे मिथ्यात्व न लागे पांच मे गुणठाणे क्रिया ३ लागे अपच्चखाण नी न लागे छठे गुणठाणे क्रिया २ लागे परिग्रह न लागे सातमा गुणठाणासु मांडीने दसमा गुणठाणा सुधी ? मायावतीया लागे इग्यारमे बारमे तेरमे गुणठाणे १ इरिया वहिया नी क्रिया लागे पहिले समे लागे बीजे समे वेदे चीजे समे निर्जरे चवद मे गुणठाणे क्रिया न लागे इति क्रियाद्वार सपूर्ण |४ हवे सत्ता द्वार लिख्यते । पहिला गुणठाणासु माडीने इग्यारमा गुणठाणा सुधी आठकर्म नीसत्ता बारमा गुणठाणा सात कर्म नी सत्ता मोहनी नथी तेरमे चवदमे गुणठाणे ४ अघातिया कर्मनी सत्ता

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