Book Title: Tattvabodhak Kalyan Shatak
Author(s): Hemshreeji
Publisher: Hemshreeji

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Page 27
________________ (२५) चुमालीस लाख भुवन, वेणुदेवने अडत्रीस लाख भुवन, हरिकंत ने चालीस लाख भुवन, अमिसिंह ने चालीस लाख भुवन, पूर्णने चालीस लाख भुवन, जलकंतने चालीस लाख भुवन,अमितगति ने चालीस लाख भुवन, बलबिक ने पचास लाख मुवन, घोसने चालीस लाख भुवन, दक्षिण पासा ना दस इंद्रना चार कोडी ने छ लाख भुवन जाणवा ॥ हवे उत्तरना दस इंद्रना भुवन कहेछ । चलेंद्रने त्रीस लाख भुवन, भुतानेंद्र ने चालीस लाख भुवन, वेणु दाली ने चोत्रीस लाख भुवन, हरिसिंह ने छत्रीस लाख भुवन, अमि मानवने छत्रीस लाख भुवन, विषीष्ट ने छत्रीस लाख भु. वन, जल प्रभ ने छत्रीस लाख भुवन, मृगावाहण ने छत्रीस लाख भुवन, पर भंजण ने छियालीस लाख भुवन, महा घोष ने छत्रीस लाख भुवन छ। तेथी उत्तर दिसी ना दस इंद्रना भुवन छे ते प्रत्येक चार लाख ओछा जाणवा, सर्व थई ने

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