Book Title: Tattvabodhak Kalyan Shatak
Author(s): Hemshreeji
Publisher: Hemshreeji

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Page 13
________________ ( ११ ) ७ विभंग अज्ञान ८ । नारकी दस भवनपति । व्यन्तर | योतिषी । वैमानिक । तीर्यच पंचेंद्रि । ए पन्नर दंडके | aणज्ञान । त्रण अज्ञान । ए ६ पामे | पांच थावरनें मति अज्ञान । श्रुत अज्ञान, एबे पामे, aण विकलेन्द्रिने । बे ज्ञान । तथा बे अज्ञान ए चार पायें | मनुष्यनें पांच ज्ञान । तीन अज्ञान १३ ॥ ॥ चउदमोयोग द्वार कहें छे ॥ sa योग पन्ननां नाम कहेछे । मननां ४ योग । सत्यमनयोगः असत्यमनयोग २ सत्यमृषामनयोग ३ असत्य मृषा मनयोग ४ | वचनना चार योग कहे छे । सत्य वचनयोग, असत्य वचन योग, सत्य मृषा वचन योग, असत्य मृपा वचनयोग कायाना सात योग कहे छे । उदारिक काया योग, उदारिक मिश्र काया योग, वैक्रिय काया योग, वैकिय मिश्र काया योग, आहारक काया योग,

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