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नशा और ध्यान
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दे दें और दस मिनट बाद आप मेरा ऑप्रेशन कर दें । वैसा ही किया गया। ऑप्रेशन सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया ।
राजलदेसर के एक श्रावक थे चांदमलजी बैद । पीठ में फोड़ा हो गया। ऑप्रेशन होना था । पद्मासन लगाकर ध्यान में लीन हो गये। ऑप्रेशन पूरा हो गया। नींद या बेहोशी की दवा सुंघाने की जरूरत ही नहीं पड़ी ।
अपने भीतर कुछ ऐसे नियामक तत्त्व हैं, ऐसे पेनकीलर हैं, वे दर्द का नियमन कर लेते हैं। अगर यह रहस्य समझ में आ जाए, एकाग्रता हो जाए तो फिर दर्द का आभास नहीं होता। हमारे भीतर कुछ आनन्द के झरने हैं वे बहने लग जाते हैं तो दर्द की स्थिति में भी व्यक्ति प्रसन्न रहना सीख लेता है । हमने देखा है- एक भाई के कैंसर था। इस भयंकर बीमारी में जैसे ही चौबीसी का संगान होता, वह उसमें तल्लीन हो जाता और कहता 'मेरा दर्द समाप्त हो रहा है । '
शक्तिशाली साधना है कान
जब ध्यान के द्वारा भीतरी रसायनों का परिवर्तन होता है, नशे की आदत अपने आप छूट जाती है। कान का उपयोग सुनने के लिए होता है किन्तु नशे की आदत को बदलने का सबसे शक्तिशाली साधन है कान। यदि इस पर ध्यान का प्रयोग कराया जाए तो नशे के प्रति अपने आप अरुचि पैदा हो जाए । एलोपैथी में भी कुछ ऐसी दवाएं हैं, जो नशे की आदत बदलने के लिए काम में ली जाती हैं। राजस्थान का एक संभाग है सिवांची - मालाणी । वहां अफीम का बहुत प्रचलन है। वहां अफीम की आदत को बदलने के लिए शिविर लगाए जाते हैं, कुछ दवाइयां दी जाती हैं, जिन्हें लेने से नशे की आद बदल जाती है। आयुर्वेदिक पद्धति में भी कुछ ऐसी दवाइयां हैं, जिनका प्रयोग करने से नशे की आदत बदलती है। ध्यान भी एक प्रयोग है नशे की आदत को बदलने का किन्तु उसमें एक कठिनाई है। जब विड्रोल सिस्टम (निवर्तन के लक्षण ) प्रकट होते हैं, तब उन्हें संभालना होता है और उस समय डॉक्टरों का बड़ा उपयोग होता है । अन्यथा समस्या पैदा हो जाती है ।
मुख्य साधन है ध्यान
औषध का प्रयोग भी सहायक बन सकता है। केवल दवाइयों के बल पर नशे की आदत को बदलने में कुछ लाभ होते हैं, तो साथ-साथ में कठिनाइयां भी पैदा होती हैं, समस्याएं भी पैदा होती हैं । अपेक्षित यह है - नशे की आदत को बदलने का मुख्य साधन ध्यान को बनाया जाए और जहां आवश्यक हो, वहां यत्किंचित् मात्रा में औषधियों का सहारा लिया जाए। संस्कृत में एक न्याय आता है 'न्याया: स्थविरयष्टिप्रायाः । ' बूढ़ा आदमी हाथ में लाठी लेकर चलता है। जहां जरूरत पड़ती है. वहां लाठी को टिका देता
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