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तब होता है ध्यान का जन्म
यह स्वर कहां से निकल सकता है? जिस व्यक्ति ने समता को साध लिया, अपने मस्तिष्क को प्रशिक्षित कर लिया, वही इस प्रकार का दंड दे सकता है। इस बात पर हम ध्यान केन्द्रित करें - ध्यान का अर्थ मस्तिष्क को ऐसा प्रशिक्षित कर लेना है कि आदमी तनाव से मुक्ति पा सके और समता की दिशा में आगे बढ़ सके । समता और तनाव मुक्ति में अन्त: संबंध है । समता की उपलब्धि का अर्थ है - तनाव से मुक्ति । यह एक महान उपलब्धि है और वह ध्यान के द्वारा प्राप्त की जा सकती है ।
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