Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami,
Publisher: ZZZ Unknown
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अ६५
पदमा एमादरी धमनी पिसनेमेधा नेवैजआत्माधकीएआवलाचे इलिम नि मादरें अनेरो उरख रोगातक उपनई वीपंकि
प्पलो संगडागज/नाया हमबिएसिएवंसैमहावी वामनपाएसमसिआद्या हरखनुमानयरधरकरोया केस
अनिष्ट जावद नदी उखऊपने का दोजयथाशवाहार अनेर उरव रोगातेक भादकंडरव विस्वी अनिष्ट जावन
शनिदामुखमकेगनें कहें याति मुप्पोद्या प्रणिठेलावखेोमुहे सेहतालयमारोगासनमन्त्रयारपुर रोगायकपरियादियाणिजावणे नही दाडखें त्रोक जायकवा परितापपा कारणेऽरवथकी रोगातकथकी कावडे
निश्यका जिटीव गाटोऽखी
अनुज मुहताजस्कामिवासोयाबाजावपरितय्यामिवामान अन्तयरातोपुरकातोरोगामंकातोपरिमारा गणिहा जावदश एण्डखथकीमुझनेमुकाव
तेज्ञातिगोत्रनिदनेऽवयथका मुकाविवा ने रोऽरवथ की रोगाकथकी उपने मिथा सुख
समर्थन जावणसुहाम एवामवनोलहसुचवितसिंबाविनयेताराणमएणयया अन्नयरेखेरोगातकेसम् प्रविष्य जाबुत नहाले जितेहरव अपने काम रोगातकऊपने नवथ की जातिगात्रीन नोएगणेऽरवेंकरी जातिगोबाऽरयायामहीमों पहनेंगठन राधे मुख जोगनेक उचिरचीनले
थकाऊमुकामिपुर वेद्याणिजावलोसुहेसेहतामहमानसिंनयतारोमाययागमनन्नयरंधरकरोगातकपरियाध्यामि निानिष्ट ने नाव नानु रखे परिताप जावत र उ को इप्रकारे प्रत्यक्ष अथवा निराइवथका रोगानं कथकी ऊंझावाया
खपाभो महिनावालामुहमामखेवाजावमामयस्तिपत्रका नागयरातोरकातोरीयातकानपश्मि अनिष्टरोगा जावदशनामुख एणोऽस्वयक मुझनें मुकादो किणिकारणे नेह जागीचने रानवअनेरोलाई अनेराकाथुम दिकथा
काश्थानथा एमिलिहातोजावलीमुहानएबामेनोलंबनविणस्मारके मानपरियादियोतिरामनकत
दरखपामा
नहा

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