Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 69
________________ २ र नेदायोनिक वृन्दनी शरीर नाना प्रकार नाना प्रकार नानाप्रकार नानकारना नाना प्रकाराला | सशारवादि नावकरीनागंवाने से नारनने पनि नतोकितना सगरामजी बोवियतासंकरकजीणियागांकरकाईनालाmarमामामामाहानसाताणामासानायसंगासवि नानाप्रकारनौजेशशरखुमलतेलबिया वृदनाजीवतयाविधकर्मन श्वरादिको कारण दिवईवनमनीयवयवनो जगमा उदयप जामनग २ अधिकारकायेक कोऽमलानकायका सानामाविहसरीरपायalaaवियांतजीवाकम्मोतवनमानवेतीतिमरकार महानांपुसकायंगतियRemem आएगी अक्षयोनिकरुपनव स्मु कम नहीनिक तस्सनवा वकमा तथाविधुकम्म कम्मनिदान मनारकोणियांकरकसं नवाकरकनुहमायतद्योशियास्मनजावकम्माकपोजगाकम्पणियाणे | निहायनेराजेदनायवयवरूपाणी शपसाबा अपने जीवनिलेरजोनिकरदानास्त्रमार । ऊपने एकवनस्पनानाजीवसवकना है अनेसायने नबुकमारूरक जीणमुरुरकतारविहि तेजावानसिंरक जोशियाणकरकाएंसिणेहमाहारंतित नामवयव जीवमाहारथवा कायशरीर सावकायतेउकाय वाउकाय वनसताका बयथावरप्राणवाशरमचिन्नकर यशरार जावा आहारविविसीरंभात नावणस्सासरी तसघावणेपासप्रतिकवतिया पnasaमसर नेयोनिकनाजीनथिनीकायादिकोशशररावानेहवकार बीमनराशर तेवृथानिक गानिकनानाच उत्पद्यमान रुपनजान्नथवानवास कराने कशा पाहिक Ranaसरीसाघुवाहारियंसाहारियविपरिवायसारुविकसने प्रकार वियणनिसिंहवरकोगिया मालकाया। शरीवाकर स्तनोशार नानाप्रकारना जावालापरेनेजीवरकनेविष तथाविधकविउदये ऊपनेईचा अहिवेंशनरो रटान ना करें कन्या बलाnoge रादिकनाकारणनथारमनगवंतेक लर जग स्वाग शारीसंशाणवलाजावाजावादामावर्णमानवतीनिमस्काय माहारपुरस्कायंग नगर मा एकके योनिक कलेजने । युक्रम नछोनिक नस्सनवनचक्रमा नथाविध कर्मवय कम्पनिदान श्यांसना करवाजोगिया ककसकमनीया नवस मनावकमाऊनिदा - PILStaintressistreest ste ગૂ૫. सा SOLI -SH- Asia-Tattatistory

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