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कायसेन वजति ते सिवणं तस्स कायं सिउद दणाणं घालमेयं तदा उदरवेजलपु
न कहना र परम्पुरोमनिया मायच्माजीद देसी प्राणी पातनी दीर तकी ती
पर्यायऊजा जीवन दिनाकरनगर नंगथया
तोकिएही सम्पतनोपाली बासठ नवी इ हातिमन्याप्याना बानो उस ० बाद सहित बाहेो नानीहरु बंधनेपली नि केवलि ज्यामोहितने मला डेनिलिका रणारी नूपमा निमदेनूननर नो देवलोक तिमर हो म्हारी व्यक्तव्यनाशयन सन्त करनासरी बाजोली नत्र राजेश दादाजी त एतने तो सीन ले जे जो दोमिसकाय करतोस कर बारां नरास तो पुनरक्तदोष के श्रागोतमस्वामी तदाऽनिराकाराऊने इस निदान :
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तसपाला तसा अन्नास वायं जगनोयम] उदयंपेलतं एवंव्यासी आन