Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 79
________________ रगना माम एकवीवरजाई एकसुरुषमणे एकनसुश तेजीवबालकथको वाकायामाहारकरें अनुकमे वरमा वनस्प कज नव्या का सगडागजी माण निवगमोजातिपुरिसपिलासगावातजावाडहरासमागणवानकायमादारतियुषवेगवुहावरणमा निकाय अयथावर शालीनो नेनीवालश्करें श्थवाजी राशर मावाला पर अनेरा Angamhana श्री सत्र सुरक्षाकरे पिण कायतमघावयागौनजीवामाहारिदिविसरीरंजाबसंतनवरेवियणोतमिनााविहारयारसम्म घनवस्तीर्थव पंचाय बाय जावत् मनगरमशार नानावई नाना प्रकारमा जावमधु यतिवई भनेरी ती " गर्वबई छानक करें फलों घनवनिरिकपेविलियमहीनावमादोरगाणेसरीरानाहान्नानागाधांधाजाबमरकायंसहायवरपुरखा जग नामाका जरियर्ण थलवर पंवेंद्री निर्वायोनिया नेहबई मोहि गदनल सिंघ काकीमा य नाणाविदानुसपश्मिपलवर पंचिदियनिरिस्क जोगीयाणे जहागोहागन मलामिहारणे सरडाणेस सनी घिरोली वाजपी उदरमामोटा को बुदर - उदरका हानलकाकीका जीव जसरसाद जाणेसरवागोरवाराण घरको लिया विसनराण मूसगाणंमयमाणपयलानियाग विराजियागनाहाणेचा न यथाबीजई यथावकाशेंकर बीमुरूषनो वेदनमउरपरिमपनोम निमा पलिकहि जाव।। " श उथ्याश्यायोनिसिंवर्णमहाबीण अहावगाामवीरपुरिसस्मयनहानरपरिसप्पारण तहानाणियचेना मापराशरी जपरेम - नेनानाविध अपरिमण पंवें पलवर नियंच रिमारियोकरे नेरापिल गोप्रवरख वाचतो सारूविकसने अवारवियोतसिंगाणाविहानुययविमप्यविदियरलवरतिरिखकारण गोहाणेजा वरनामार मथव बाजारळानकनार्थ जगमा वेवर पवंडानाचजीनीया कु वम पक्षी लोमपदी करेश्मक करेंकलनामा विश्वकरें। नमस्काय' प्रहावरपुरकायनाविहाखिलवरपेविक्ष्यितिरिक जोणिया तवमयरकोणलोमयखाग प्यार कार

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