Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 83
________________ बाई नावश्मकशेष ध्यानात्रि आलावा उदकन आ सुन त नानाविधयोनि अथनिस्ठानक इस एकेकमव तीर्थकरें क प्राणी जगमा जावानी परें जो गडागणी वन्नाजान मरका ये ससा तिन्ति झाला वगाजहानदमा जावकम्मदिय की नि नानाविधत्रपथावर द महावरं पुरस्कातं इन्हें गमतिमांसना नाविह शिटा प्राणीयानादारीनें मविज्ञनेंदिक्तिनेंवि बाबुकायपणे जावकम्म निदाग नचबुक मामा दिहाणं तसघावरा पाएगा सरीरेषु सवित्रेसु वाञ्प्रविन सुवा वा उकायना ऊपजरं मिश्री नामका तिमपिजी वा हिवेंटथवी अनेक जग माहे एक नानाविधजीनीया कर्म उपार्जी विव १६ परं बाढ काय श्री नीचे करक स वाली - लें एविजति जहागणी संत हा नाणियच्चानता रिगमा मदावरं पुरस्काये इहे गतिमा मन्त्रा' नारा विह जो शिखाएँ जाव कमवते नाना वि त्रय थावर प्रालीयायरी विषे सचिननेंदि वित्तविथवीपा नाव कम्पनिया बुकमा नागा विहारांत सघावारापाशा मरीरे सु' सचित्तेमुना वित्रे मुना' बुढविता सर्करा वाजुका माग लिंगाथा आरमाहिं पृथवी मर्करा बालुका लई ऊपजे कायनादिफलातिमनोवा उपलपाषाण लोह तक बॉर्ड मागा हातचा पुरावानुयाय ७ बलेसियाम जो से प्रयतनयने नसी दरिया जं हिंगलो मनमा यामक मंजन बालम क बाज क बादर काय मति ज सुबन्तेा वरेय १ हबियाले हिंगुखुए मोमिला सासगंज शाम वेलि झझपडलनवालुयं बायस्कारांम सकरावा या मीस रूप यौ उ चत्र विधान कर जोहिनकरतन लोहिताक्षरतन मरकत मार ま फटिकरचर रतन नामात्र इंद्रनीलरत्र रे वंदन नुय मोयगदीले यंत्र बंद लिविहाणा' 2 गोमा एयरुयक फलिदिय लोहियारकय मरगयामसार हंसग पुलक योगंभिक पल वैर्य जलकांनरत्र को एनली एहवी कही गाया जावत चा‍ लोग रुम समझ'डुलए सोगंधिएयबोधचे नंदप्यनवेरु लिए'जल के लिये 'एमा गएसुनाया गाहानं जावंसर सूप कंतिय 24 ४२

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