Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 106
________________ 27 जॉलिवरी २७वतीतजदृष्टी १०पुरुषएतविनामथवारमार रूपफजीकरिकाशनेको कीपक तक विनोधाभानी प०पवेजा-मगनी विधेमन __माहिएकदो नामाणे जी जाम्यंतिनलिपश्प्यालिदे अदं२७ परिवविणरूमारगंवारूलपिके२१एजायतेए। विवएपनीचीपीमास० तेवुहिनेपलीसप्तकपकपा० करमननलागेम सिंघस्नानकूयोरंसन जेवजेकोमपदलतानपादाक ममनमांदिए पाराजोलीतीमाभिरानोकिरकिरहे। वनपनिना पचनादिकरीनाजीमान पिनि कोजावयाली हिनाएतामनमसिन वेसपसहस्त्र तमापासाकक्षजीयेथभषवत्ता AST तो मतेकाले संकविता विनायपिसतिमासदेलायुक्षएातंकष्पतिपारएणए२६ सिायगाएं उसस्स्से जेनीयललि शीतसिविलसाने चम्पंसरबोकमाटी मारोपोइसिनाममोटोसन्तिमदेचताऊसचजकमरत 20 कचरा हैण्तेपुरुषमक्षस निष्ठपारजीचने .इतिपरेवावापफयदिषाहीमामाखमादि ननेनिषनेता नत्रानंतपु. आदिमावरखंथमझनिमकमा पन्सनोजना मलयात या ऊमारकमहोसाकपारसन उत्तथाकयो तिवानरकयातनपंथरुमहाजिताजवंतियारीयतसा२९ बकाया रसरथका दलितव्यजी संजमनेमजामजिएणीकारली आदिमाने यकिनजायेनेजावकाधकेहीदवीकारणीददाश्म नोक्षपवीले एदिनअपप्रवीवानकारी अर्थषवमिानसमितिपतेसहिसानेएक विलीनीधपुरूमनोवलासिझमनेनेहनामएससने दीपएविजनतेमएविहीरुपतेक वामधानेनादसायफलानाक मामनिष्पलतेपणअनुक्ततेकअतवनकाह, पनाकिनक्सवेरम उम्रवक्तव्यतापत्तनेयुरुनी पाण्पालीजीवविणाकापापकनिकाकरितपण्जवत नेपाथनारमकोयनेते नोएपल, गरुक्स जायाए पापागलपसजका अबोडिएएसंवतअसाक्षात जले॥

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