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एनले संज्ञी या नोट्शनक ते किंसासंज्ञी नोदृष्टां जेएयंमंतीयां प्राणीया ते पृथ्वी काया जाव वनस्प लो हवेंमसंज्ञियानाक
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एकमेकां सिसन्निदिहोतास किं तं प्रसन्निहिंति 'जशमं असलिए मारते बुद्धविकाश्या जाव एककोइ ब्रह्मांण पलितं जेहनें तर्कनथी विचारणा जेहनें जेहनें प्रज्ञा जेहनेंमन जेहनेंव ऊंच्या पपई सीया ई जे पुरुष ९ श्रागलिं ज्ञान था इन थी नथी वन नथी कार्यकर स्पतिकामा वगतियात सापाणा' जे सिगान कई वा सन्नातिवापन्नातिवा' मणतिबांनवासबा करण अनेरापाहिं कार्य कराव अनेक रनांदेवी एक मजे करे ते मंज्ञीबा सर्वजीवनजं जावव सर्व सत्वना दिवसें रा अनुमोदना वोजाव जेहनें नथी एवहिना कारावेतएकरते वासमणुजानि एतदिशं बाल सावसिंपाशाएं जाव' सच्चे सिंमन्त्राणं दियावारी स्वतां जागनाथको श्रमित्रलत मिथ्यात्वेंसंस्ति निसीसठ व्यतिपाद्याने विषे तद्य प्राशातिपाता जान्न मिथ्या विनोदंना दिक दर्शनश वासुवा जागर मारवा' अमित्रनूतामिचा संवियानिचेप सविवातचित्र दडा नेपा गावात जावमिचाद मिथ्यात्व में वि यद्यपिप्रसंज्ञीयानें नथी नथीवचनया में जावदमन्य 5खनें उपजा शोकका वयनी हालि मनदचनका साथ की कर्म का मन बबई क राई. करबई या होने पाम बैंक दी गई शामध्ये घेवंजाव नो वे मारणानो वे ववई पाएगा जाव सत्ताएं डुरके एताएं सोटा लताएं जूरांताशतिप्पेणता यष्टिमुष्टिमा परिताप लाईक ते दुबई कहूं जावतपरितापना वध बंल कलेशयका इत्यादि विरनिकलवाई काम करी का एपिताएपरितप्पनाएं तिरक सोसणंजाबपरितप्प वह बंधपरिकिाल सात्रप डिविस्ता जावन रात्रि दिवस परियहनीमुना कहीयें
पार
• एलीपरे नष्टथवी काया दिक निश्वई प्रदोनिश प्रतिपालन विषै कहीये पावनाने प्रानिपातनी दोष कर्म लाग तो कहीय
सेनीय छतो
नवति' इतिग्खलुत प्रसन्नादिसत्रा महोनिपाणातिवान व स्काश्यंति' जाव जावन मिपादनिश ने विषे कहाये मंज्ञायानें सर्वजोनिया निश्वरं मत्वा संज्ञिया यई पापक मनोज पारमान विरक्तिम नावें कहा ये हिंदे शिष्ट
इद्यति नावमिन्वादेमएस नवरकाई होति सङ्घ जोगियां विखलु से सासन्नियो कच्चा
मन्त्रियो अंतिम सन्नि
ई. एवं तवा दीमक पुरुष पुरुष नेपपपपाम निमइहांजिन शापिए संज्ञीया ते संज्ञी कही ये समाज किंवा च्य नेरो परे ते कोई
बीमा
हो नि संपरिवाहन बखा
अशियाप पाजीया
इसुनाव जेहनेंन ऊपज)