Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami,
Publisher: ZZZ Unknown
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। गधनी विलेप शना रिय रूप गंध माययाउकार अविरत जावजीवलमी मसकर रथ यानरमकाकन ननी थकी
ऊवामिन्माकमाया गंधविलवणसफरिसश्समबर्गमनासकाराप्रपतिविरमा जावधाबाए सबामगरदजाणगान शिवियित्रिदेश सिंमनादि सयण आपण यांन बाद जाननवस्त्रादिकथकी अविरत जावजीव सब विशेष शिविका लविलिसीयसदमाणियांसयणांसगजाणवादानोगनोयाविरविदीन'अय्पतिविश्याजावयीवासघा कय विक्रय मान अईमा रूपादिकव्यवदार तेदथकीपिण अविरत जावजीवनमा म दिप सुवर्ण वन धान्य मलि मोती नकयविकामासदमासस्वसंववहाराअदिविण्याजावजीवाए महामंदिरमामुवामणि
मेरव पवालायकी अविरत जावनीवधी मलमानोलकामापथकी अविरत जावजीवनवी त्रय संस्खमिलपवालाने सपतिविरयाजावजीवारासवानकडलरमाण अपविविश्याजावजीवाराम सर्व भारत समारे यकी अविरत सर्व करण करावणयकी अविरत जावजीव मवपचन पचावल बानमारनसमारंजापतिविरयासचाकरणकारावणाप्रपडिविण्याजावजीवाएसबानमयापयावा | थकी अविरत सर्व ऊहन पिन तानि तामन व बंधन या दिकजीव थकी अविरत जावनावलगी जेप
में कलेशकारण अपरिविश्यासवानकापिmaमणताजणेवबंधपरिकिलेसातोअपशिविरयाजावजीवारामा पामामाकरणहार सावधक प्रबोधिनाका परपीमानाकरणदारमावद्यकम अनार्य की स्थकी अविरत armतक्षणगार सावधानवोदिता कम्मताघरपायरिताबणकराजोप्रणारिसकिद्यतिततोविनपतिवि जावनीवलगी बला निमकोइएक पुरुष कलमू मयूर निल मग उडद झालर ऊन व बरसा धार्मिक पुसपनो विशेषक स्या जावजीवामनहानामएकैतियुशिमकलमानसतिलमुआमासनिफावकनालिसायलिमित्र
रण
प्रबोधिनाकरण
गाजि

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