Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 57
________________ थी मनसमिति वचन समिति कायसमिति मनन ववनगुप्त कायरत उन्नई मजेहना गुमब्रह्मचा 10 सूगडागजीतासमितानणमपितावतिसमिताकाटासहितामणगुतांतिगुन्नाकाययता गन्ना ग्रनिदियांगनबंतबारीम अको अमानी अमावी, अलीजा शांत प्रशांत वा उपशा सकलयंता अनाश्रवपा हिरएपादि विनोन है, कमलरकि कोरापात्र क त्रित पवाजन पकम्मबंधहित ग्रंथरहित द्योयंमार नानापरेंपाप नाप्रवाहजल कौदा प्रमाणाप्रमाया अलोलामतापसंतानवसेटोपरिचुडामणसवावाबिन्नसायांनिसवालवा कसपा रूपापाली संस्बनीपरेंरागादिकरंगरहि जीवनापरें अप्रतिक्षतगत गगनभाकाशनापरेकलयामनग वायुनावअनिबगामेएग नबी रादिकमा बनरनि रायनगरेपंचराय तिवचना तीनमतोयासंरकवणिज जीवनयर्दियगतीगmaजविवनिरालंबा बानरीवनयावास वारकालना पाणीमा परेंनिर्मल सुकना पवनीपरेकोदरुपीय कोनवानीपरेवि उनपंखीमीपरेंविषमुकरवड खरगोनाहांगनी पर पाणीइजेवाईन ही इंजिना कलारागषरहित रदसलिलबसुरियाया पुरवपनवनिरवालवा कम्मोश्वनिदियादिश्वविममुकारकविसावर नारंवानापरें अप्रमने ऊंजरनापरेमोकार र पतनापरेबजवंतवम् सिघनापरें मेलापरे अमोल कजाया नारंखरकीबअप्पमता केजरोश्वसोंडीरावसनोश्याओतमासीहोरबरिमादरोबमध्य समुनी परें गेजार अर्थ बंधमानीपमोम्प सूर्यनापरिनिर्मन जावा मोनानी परें जानरूप थिवीनापरे सर्वमर्शनोवण शोजादिकारण करीना 1सनेना पामारोश्वगंभीराचदोश्वमामलेसासरोवदिनतिमा मकंवावरूदोन धराश्सबफासद पूश्तादिक मी चानोअग्निवेहनापरे एहवासाने तथामगर्वनमें किदापनिबंधनातेपनिबंध आप्रकारे निजईजान ल्पमान सहा मुंयासाविवयमामलता मिलेसिजगताणकवधिमनिवासयटिबंधे कथकीज पोयसादिक अत्यहवसति प्रयनिअधिक निराजेएं देश विहार निविदेशाप्रतिबद्धपणे। जेबीया पोसनपाटकलकदिक उपयाहक उपग करवाई विवरई हेपनि तजदा- बायोयराबानग्राहतिवापयाहवामदेसंखेतन्नेक्षिमपडिब मयूरादिकते नोप्रतिबधनी जारका 20 तिर

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