Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami,
Publisher: ZZZ Unknown
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एकरुपएकालिशरीरें न० सिद्धिगति अनेरावली पर्वकर्मअवशेषवा कालमासे कालकरी अनेरादेवलोकनेवि
निषादीननगामाहोई। रितिएचापागनयंतारानवविवारयुगपुचकामावसेस कालमासकालैकिया कम्लयारसुदेवला
देवतापणे ऊपजई नेकेदेवो नया मददिक महाकवि मोटोपराक्रम महायश महाबन मदाप्रति मुदेवनारनववतारोन्नतिजहा महिहिरामजतिसुमदायरिकामसुमहाजासमुमहबलेसुमदाणु शय मदासुरव एजाजनेविषे निद मादकावरम
देवताले नद महावक जावरमहाबुख हारकरीविराजिन कम्गकेउरगना यानरगने वनईदय
बोसोले नावमुमतामुरिकतिगनबावासदेतिमविहिनाबमहासुरकाहारविश्यबचाकडगवडियनियनुयासंग मलनाधरणहार
। नानाप्रकार साजरण विचित्रमाला सुगट कल्याणकारीयामुगंध प्रयानव सहित
सहितका यकंडसमहगरतलकन्नपारधारीशवितरवातावविनमालामलिउडाकनाशगंधपanaaरिपरि स्बपति कल्याणकारी याप्रमानमालाविले ३६प्पमानबो प्रलेबवनमालामावर दिव्यरूप.दिम दिवगंधा दियफरमें स्थापणनावरणहार
दीकहिनी शरीर लहार या कहाण गपवरमलापलेवधरामामुरखोदायलंबवणमालधराक्षिणदिवेगाधविशंकास दिवर्णरुवेग दियभान दियछान दियारह दिसति दिन दिमाया दिअतेनी गोदिछोणेसघाणदिवासहाएदिवाराही दिवानुतीदिवाएपनाएक्षिवाएबायारादिविणेत दिवेण मचि" दिबलेशाई दशदिमियोनकरतो दादिशिप्राशकर देवनासंबंधी हितकरी आगमायेंका जवषधानमनुष्पलव
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