Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 66
________________ विनागीदोप अनादिकाल बनवा दीर्घकाल बगतिक मार कंकतार वारंवा परावतीकरिमारं माहि नोमिाणानविसंनिशातीयवर्ण प्रणवयायदाहमवानरंतसंसारकतायो अमुपाश्यिहिम नजीवनहीबाऊ -जीवनहाऊ जावयबध्यानाअंतनकर एमउन्म एयथमा समागरण प्रत्येक उत्प नितामासिनिस्मतिमा बुविनंतिंजाबमोसंवरकाग्रतेकरितिसपनाएसममोसरापानयत्र स्टार प्रसेकप्रमाण अपेकममासरण निहीजेयजीवपणनभानजेपवतो मकद, जावत एमप्ररूपे सर्वत्राए जावत | उनमपुरुषनेत्रमण माण लायात्रयपामारणयात्रासमोसरणतन्यानातसतणनाक्षणाएवमानिस्केतिनावपरुवनिमयागाजावस सर्वमत्वगरणवा जावन उपभाववानही जीव जागामारकावर नेलागलें जेहानही जावन जानि नरामरण जोलीज कानही विसनस्मितहानामानावयचातामायागंवानयातायामागअनयाएजावजाइमरामरजोरणीने मरण मारमोहिनामवतार, गोवि गंमारमा हिंकलेकलीकरिता क नयली वारदेकानही जावनेनीवधणीवा पशु पाणु संसारमाहिउवनी निमागीनथाई मण समारनवगनवासनक्व कलेकली नागिणाहा नविम्मतितिालाबोंडंडणाजाबालाबों उख दोमनस्पपणानो विनागीना अ नादिकाल वजीअनवदा दीर्घकालमधी चतुर्गतिसंमार कनारमाहि वारे उस्कदोनणसागरणेसानामिणा नविस्मेनियातायवर्णप्रणवमयंदीदमहेवास्तसंसारकंतारं द्यान परित्रमानकर मिकरंजाववसर्वस्वनी नकरसंकरम्प परुम्वा एस्बास्क्रीबा ळानक विष कवान रोक्षेपकर को नोअणुपंश्यिहिस्सवितसिंश्रिमतिजावमबरका अंतकरिम्मतिश्चीतहिंबारसहिंकिरियाहाणही वनताकाजीव अनीनकालें जावदसर्वऽवनेतन वर्तमानकालनसी भागाभाईकासीक नमस्कानका नधीसीधा बरमाणाजीवालासिनिमुजाव नोमबारकोसमेतकारमुवानीकारतिबा नोकरिस्मतिवाण्यासिंवेवातर रहकियारळानकाय मपर मिलमा बा२ दीवाना

Loading...

Page Navigation
1 ... 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154