Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 55
________________ ऊसत त्रमाणयुनिक्रमाने मुकाउ प्रकट पाणी नई नई जायई वेवरतीमाजमूवीनार 32 एलीपरई नेरूष अवद्यनेपाप पण नेहा समाज सपरिकोसमा दानातिनामदेवाणितफहानतिएवामेक्तहप्पगारयुरिमजानबद्यब ५नबऊल पंकबऊल बयरबञ्जल अयशबऊल अप्रतीतब मायाम कपटबल प्रादई ब्रममालमोहल्ल दार भनेतबअनेकबकले वेरबहले नयसबकले अप्पनिमम पियडिम्सादिवले स्मन्नतसपाणधान कालमा कानकरीने व वा नउनलयोननयाय नाचो नर कनेविषेजा नरकाबामामाबाट जा बाहिरवोन केहवाले नेकले कालमासेकालकिवाधवगितलमतिवन्ना'प्रारnaaपतिहाmaaतिरातोवहाबाहिर देखें बुरपलानेछाने रहित नित्यनाथकारण रहित एक यह मा य न पोतिषीयानोपंथ मेदवयामा मंदिर हनलाबानो नि हानथी रिमामाहाकुरप्पमैवाणासंतिताधिकारममाववायगावेक्ष्मरनरकन्नजोतिसप्पहामिदवसामसरू राश्वपक, नेहनापलसह नेहनें चीषलेंकरी लिननेनी मसमभुवा बिनशविटाईममाथि परमर्ग कालवण मणिव भानाफरमें करामहा नलाई हिश्श्यपडलचिरकललिताणुलेवणतलामस्मुई विसापरमागधाकन्हासागणिवमानाकरकडकासा भूहियाय नम अबुलनरंग खननरकनेविषवेदना तिनपीमति नर कनेविष बाजार की निशन मामीनमकरें | | नि5 मह नल रतिनपानाब रुहितासाअमुनाणगाप्रसुनामरएमुवेदावेदाननोवेवणेनरमाणतियाशिवाय तिवापरला यानि रति निकम, तेनरका दिकनेविर्षे मला विश्लीट कर कर्कश व उरव विषम निवा याय यंबिवामुचारनिवाचितिवानवल नेतानलंबिलपादेकायककसेवेडेरिक प्रति नोएहवी नरक नावेदन जोगवती विचरतेअपरिंशतकही ये निमको पर्वत पूलेदो गयें कारीताव するう हियासंणग्यवेयोपचणुनवमाविति सनदानाहरके सियापचयोजातीमलेनिलेमगाए मनि aa 26 SH-इकका

Loading...

Page Navigation
1 ... 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154