Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami,
Publisher: ZZZ Unknown
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मुख
न
घोका
शिलमिलियात्र बामर प्रमु बगत र प्रधुष फापर प्रमुष न्यादिकउपगरणमा जावद अनुमोदर एकीपर ने मोटें ककिरी
परामपहर सगडागजी वितिमिलिmatalमगंबाचमबेसागवावमकोसियवाससमेवावविज्ञासमाजाfasतिमहाकावन संसारमा जिमएन अथकोइए कपुरूष रवीनविमान दपति.. निनाब मापणी मेलें अनिकायकरीत्या
यदपनिनाबमापणी मेलें अधिकायका नें विशेषकलाना
गणे-नवेल सकारणकोचनीपापो अपनबंधक कार्यकाsvषात
नेशपाया थवापरलोकें निःकारणा aरकाश्तासकिय मेंएतिनमावितिnिataगादावतीणवा गाहावतिपत्रावासयामवअगसिकारण सही निकली पनो विशेषक
वलपवलावै जावनभनेर प्रचालतान्मनुमोदई पाप ने जावमा पापकर्मईक थबलाकारक विमाने 2पताना माळमनुशन ब मारपरिमाकर नरभूषथक
वणुविरुउठे ए तिजावेसनविनामतसमजाविसमदयाजावनवतिसेएमतिमाfalanaतिगाहावती मालावेनही गृहपतिनापुत्रन नेहना ऊंट वृषन
पानकोप
एकबाळनोहरने
अनरापादकपाक करनेदेकार मेवांगदाalagताणेवानहाणांगणावाघोगाMainनागणवासयमेवधरानकम्पितिअन्तणविकय्याति
३२ अनिरो कापताने अबुमार २२९ अभवतीको पहनविमा हपनि रहपतिनाथुचना ऊंटनीशाला/ प्रलंपिकतिसमजापति रमेशतिनामावितिnaतिदावताणवांगाढावविपुत्राणवाहासालानंवा जावदगई जनाकाला कोटाबाहाने ढोकीनई पोतरं अनिकाया बाज जावत बोलतानें ग्रनुमा अथरकका
२२ मूषत्रसे नागहमालावा कंशावेश्यिारादिपस्निासयाममणिकाशनारामनावसमजाति मेfill बाल पहनजोगाई यहाळनो एरुपति पुन नावन कुंकलादियान रण में पोनर अपार जावद अपहर ती अनुमो
मानी प्रधुष aajोविlafiनिगाहावतीणवागाहानसिनावाजावामानिर्यवासयामazaक्षतिजाममणुजोत अपए के कम वनजागानी गरुपनिना न दे जाव चमरनवीन अपने
मत्येतबाज २३ सेतिवितिबितिसमशवा मानवाबनगवार दंगवाजाचमाबदवासयामकन्न
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