Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 37
________________ ९ जालनमक, ऐश्वर्यनईमर प्रज्ञान इंसदईन अथवा अनेरा प्रदम्लानक मानव पाने अनेरानें निंद लामक नई मदई नहीळ संगडाशजी मादावालानमदेवाअईस्सरियाmaiआमन्नामदेवान्ततरगतामहामानसमाम परवीतिन विसई गररई, परिजव अपमान पीपरेसनेमाने ही ऊंवलीविशिष्ट वनली जाति जाल बलदिकरणेकरीसहित इमापन ए बापोहानजाति उत्कर्ष तिसितिरक्षतिपस्निति समातिप्रिनमंसिविसिह मानिकलेबलाच्यामानानवे दएहवामदनो देहबापुरूषण लोकमाहिनिंदागरहनोस्ठानकया का जीवजन्मथ मरनाथकी नरकयकीनर रोमच विपाककर परजशरस्थकावयो हिदायानावनाकविनती यागनिमाफिर गयकीगन्न जन्म मरण समकासाहाबकम्मनितरवासनलाईनदांगनातोगऊम्मानजम्मारामारंसगंवादघाइंच पज मानी ९६वीन एमनिश्चर नेहनई नवसयमावद्यकर्मबोध एतलेंनवमी क्रियास्ठानक कब वालमालयाविनवेतिखलुतम्सतप्पप्तियेसानोतियादिधतिबामकिरियाहाणBrmaनिएनिमाक्षिता अथएनलाकलानंतर दशक्रिया मित्रदोषषपयिक कहीयईई निमकोइएकमर माना पिना साई स्ठानक पाहावरेदसमैकिरियाहामिनदोसनियन्निनादिधति सेनहानामएकवुशिमामाईदिनापिविहिंवा नाई बहिन लायबीमत्र बस संघातेंवकतो मातापिता अनेरा किए ही ना३६ अपरा दिकनें हिवासइणिदिवांमद्याहिंवाभूयादिंवावन्नहिवांसुणार्दिवाससिंवसमागतसिंगन्यारंमिमहानगमित्र आऊ पोनानाम मोरोक कर तथा अपराधीनो शरीरराडापालामा नयाउंदापालामा उहापालीकरी अपराधी बरादसिसयामरुडेनिवान्नतिजहा सीनावियसिवाकायचोलिनिसामावावियाद नावाचारीच अथवा प्रश्रिकाया करी तेरुनीशरीर बालै अथवाजोवें वेवकरी मेकरी वाईकरी यावर्षक वाकार्यसिबिनानातिमणिकाएकासनवददिनानतिजोतवादातणवालानणवयावाकसेगाव त. दाई करा

Loading...

Page Navigation
1 ... 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154