Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami,
Publisher: ZZZ Unknown
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नाव
समारमारंपरित्रमा कोइएकपुरूष संविदकनावाद आजीविकानें अर्थ बेदै नेदे नाव एगीपरेनेपुरूष मारें पापक कराव
पात्रपामीपार कोबन
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कम्मईका महिं प्राणनवरकाशनानितिश्चासंगमतिमतिबदनापदिसंधाय तामilarबनशिनानातिसमहमाया कराज पोना मायामाने बारमा परि अथकोइराकमा उत्रिकलावर माहिती श्राजीबि अथवायनेत्रिय राई, जाव बमरणकरावे
"रणाहनामांसादिकेंकर काकरें प्रापन विहिकामप्रियानवरकापूतानतिबसेएमतिननियत्नावपडियायमरनेवागमतरवातसंपारणे देतालाव संसारमोहिपरिचमणकरें एहयोऋजावो मघने ६ अथको एक पुरुष पार कर अनेकमहिषादिक अनेक वसाह
जाण बर्ड अवरकाप्रमानवतिएसोसिलाबोसवबंधासएसनसोवरियानावपहिसंक्षयमक्षिसंवा अन्नयरंवातसंपादिता जवनमारमा पश्चिम अथकोइएक पापात्मा बाउरीपjाद२ गादिक अनेरो त्रमप्राण हरणे जावन संमारमोहिपरिव कर
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त्रयमा पाई. जाबन मेमारमा पश्चिमणकरें अथकोरण सिमसामणियनावपडिसधायसनाणिवालयबातसंपामोहताजाव'नवरकाश्नानवेतिसेएन कपुरूष प्रथम मालाको घातक यमला ब्रमप्राणनेहणे जावनमारमा परिश्रमण निमकोइएकपुरूष करकर्मनोकरणार
सारथरस्कलात स्प.हल्ला मन्त्रियनावपश्सिंधाय मबेवासानटारंवासेपारोताजावरबरकारनalauसंगतिनगोमायगन्नावपदिसंधा पानने लावाद अनेरामा लाने मैत्रसमें हो जाबर संसारमा वृश्चिमण १ अथकोइएक पुरूष गोपालनाकमादरीकोधवडो गावि गोवा - अथवा योगाणेवाअन्नयरवातसंपातामाब'नवरकाश्नानवेनिशाणातिनागापालनावैपडिसभामा तानवागाणेच
पुरुष
कअनेरी
लोहिथाजी नेहमे

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