Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami,
Publisher: ZZZ Unknown
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क्वथा श्रमण अथवा ब्राह्मण कोतकमावं दान इंडियनो तत्रिमुनि अथवामुक्त वशिष्टनपश्चरणे
दमलदार गुन निजी द करा रिषीवर ववयणिय जहासमणोतिवारमाहाणतिवारखंतेतिबारदेतिवाधयतितिवाषमुनितिवासीतिवा जगबनाच परमार्थथको विकमाविद्या निक निदेषिया कति संयार नीनार जेमी व मूलस क उन्नतुल नेहनापर्यन पारने रूपनाज्ञाता कानिन मोहते १० हारनौले २- २ नेनोनयर
मौलवीयम्मच्चि को मुणोतेवानकिन्त्री निवावितिबायनिरकतिवारी लूनिवशिरिहातिवाचणकरणपारविशतिनिuml रवचननार्थ करनेंगुकारेकर बीजोमध्ययनबार जाये पहिलेममय भई श्यायुमंत मग एडवर्ड कलु एवं १ बल बार किया मकान शकष्टीने असनार्थककर्मनाबंधककला नयायाध कमनासुंकामाहाकला हवेतकार काजल
बचने निधई बाबीयं तेरम बितियंसूयारकंधस्सपोहरीयंनामंपनमनयाँसमनशामुयमानसात सगवयाएवारकायहख काय एकारण किया स्लानक नामेंअध्ययन पप्पडे तेदन एअर्थ इणेपक्व निश्च मेकेको बेग्लानक कहीय. कलई एकधम्मश्ला
किरियाहाणेलामनयागायनते तस्मणप्रसमहे ऽदखल्लुसंदण जाववाणाएवमादिधाति कहाधमे | बजाअधम्छिा एकउपशानछा बाजो मउपशात. तिहाँजिपहिउरलानक अधर्भपा तेदनो वित्तंगवि नेदनोए। प्रथ वअचम्मच नवसाताव अणुवसंतेचि ताजासमढमहाणस्समधामयकस्मविदmaसोनयम यासादिकदिश एकेक पुरूष तेकेहवाले तेहप्नोवि एकमा एकमनार्थ एक उच्छवि एकनावेगेत्रि उमा बनि माहिमनेशदि हे'प्रदेवमादीणवाक्षसांतगतितामणुसनबंतित पाश्यिावेग प्रणाश्यिावोगमवावायवोहायागोया एकमोटापकोटा एक सुवास एकावर एकत्रम्हप एक उम्प तेन्हायर्या दिकनें एहजेत्या दं० पापत्रकला
मालिकहा - नोहणतमा वगे कायमंतांवोदमसमतावेगेमुवन्नावगेवावगे सुरुवावगे'इम्बाबाग सिंचणमएतारूबसमा
जनक
नक
मछानक
बारका

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