Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami,
Publisher: ZZZ Unknown
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एनजेम्युकलुमन तिनिधर्म केवट अनदेयम्मनिकहि किममनुष्पचन न पालीनदेवचम्मनिकर
क्ने पुरवऊपज नेहवो कीनई
धर्मानजीमुकनें मनोवांछितदायादारदे. साडागजी एबी किएधमनसेलिस्कृधम्मकिहमागहोमन्नस्सादनम्न मागखद्यालायाणस्मदेवानमातिरकारोवन धम्मनकद उपाश्रयदे मेम्नारकडे. अनेराईनानाप्रकारे काम जोगने हेतई पर्मनकहि
म्भनकर वर्मनक स्साहनधाममातिारकछालालेसंहेन लामयणस्साहनामा मानसिविरुवस्वा कामनोद धम्मागरम अयानपणेधम्मकोरबोथकोर्म एक कर्मनिरालीअनशनेत्र बम्मनकरहिवर एणे जग बबु नेवंतनिकनेममा धर्ममानलीन कालवानीप्रमादनक - एमापर कहिवाना फजदेषाम
मामि विश्व द्यानगिलाधाममाज्ञारकछानन्नकम्मनिकरयारधाममाऽविद्याइदखनुस्मजिस्कूस्सअंतिमेसोचा सम्परहायवारीनई मेयसनेविषयावधान कनविदारवाने ममरजान जेनीव नेमानें मनीपईयांजलीने हायवि सम्पर यमनेबि धम्ममायप्रवर्मना समय दर्शनकारित्र
चाराने प्रकारे मायका जिसम्मसम्मंगहाण हायवीरानस्सिंधाम्साहिया स्मनिरकस्सप्रतियधम्माचाणिसम्म समानहाए नथा, धम्ममार्थप्रवर्तनाकम्पविदारकनेंममर्थ ममपापळानक एमसत्रकारेउपशातक तेसर्वप्रकारेंउपश तेश्मनवकषिपावीनें मुक्ति हता।
सम्परज्ञानदर्शनम्बरि पहना थकी निवा पाय वनिमयविरनियाई मजावपाम्पाथम श्रीयम्प्रन्या मानपने कहा || महावीरामसिंधाम्मसमुहियांतवैसोबततिएवंसको विरना वसोवसंतातेश्वंसवनाएपरिनि एमनेसाधु बर्मनार्थमनोजोल णियागामामयुवामंयमविषप्रतिपल नेपयवरघुरीकर अथवानपोहतोपयवरफुरीका एहवापासमोरूष नेमाश्रीनिमन को हतो
परमाथथकीकराकयमानव तिबिमिरासेनिरधामही चम्पविकणियागमदिवाससेऊदेठोबुतियंजवापन्यमवरपोदरायअमवासम्प कवदिकमरहनात्रा एम तेनिक चारि ज्ञपरिवाई करनील बालासंतरयंग रहवासासा पियुनो सानदर्मनवारि यदाकालियन निकेवलज्ञानाने ही पिएर बीय प्रसारमानकरुपवर मेले मुकाबरकराजी प दिय उपसहित जलवा बाबायो यनमवरघुरीयएसेनिस्परिन्नासकम्परिन्नायसंगपरियगेदवास'नवसंतसमिएसविएसदोजगास केवाज्ञानविनाई बारवाया कहिवाई
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