Book Title: Suyagadanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 33
________________ निद, खुप विलपरउपवई तेबालश्रज्ञानी विवेक नि: केवल वैरन एतले वनस्पनिमात्रीअनर्थकलो विवेक कांही विलागी १६त्रनिमाश्रीकर निमकीय कपुर बिकन सराडा शालुपनाविलुपनाउध्वस्त्र धिमालावरस्सयालीमीनतिमहादसेनदानामएकनियुशिस कळा दिकनें दीघनिनने पाणीनेविषं पर पर्ने विष जयवाही में नीचीच मिका वनविषं गहिनापर्व नवि शादिकना बनना विष विष वनविय aसिंवाद सवारदासिवादवियसिवावलयसिवान मेसिवागहरमिवामहा विजयसिवावसिवावर्णा यी कनें पर्वत विष प्रपाननेंविषयनेवि लकाष्टा एकवाकर पोतरंगनिकायप्रकपर निरापादि मनिकाय दिकमा asयसिवापश्यसिवायवयेविडसेसिवाईसविसामवासिकायलिसितिप्रोविनगणि प्रदेपावै - अनेराने अनिकाय प्रपत अनुमोदई अनिकायनोआरेजनिः करता ते मनाथदंगकही ये जा बननत्यत्ययमाव कायणसिराति अगपिनगशिकायलिसिरसमजागतिमहादेडेगनेखतस्सय्पन्नियंसावयोनिमा अकर्मब एनले बजउ कियास्ठान अनर्थ कहिउ २ अथएतलानंतर बाजोकिया हिमादं कहीय हितिदोबैदउसमादाण प्रबहादंडवनिएनिमादि प्रहावारतवेदंडेसमादाणहिंसाडेडबनिनिया जासहिनिमकोइएक पुरुष बुरूषाकारवहित मुमनेएविएसमा अनेराधा अनेरापनेहियाकर हिमाकरावे हिमा हदकत्रमथावर प्राणी गाशम्सेरहवो विवाहपो नकर दिक जीवनईहणे अनुभाई। जिवविधतिजहानामाकविपरिममेवाममिवाझवायग्विाहिसिंमुवादिसिस्मतिवात तसघावरे मुनहरापा पीतकर अनेराक- करावई अनेराकरतापने मनुमोदनाकर. १६वोहिमादक एमकरण करावणमन मकर जीवन पासियमिaaसितिविसिमियांतिपिणसिरतंसमएनातिहिंसाडेएखखतस्मतव्य नत्यसयमावद्यकम एनलेबाज कियाळानक हिंसाईकलो मथएतलाकला चउदेकलमायणप्रकम्माईककहायने नियमावोनिनवेदेडसमादाणहिंसादंडवानानिमाहिए'महावरेदेडसमादाण अकादंडवा १ळानक मनेनर

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