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वमन विरेचनादिकिया नकरई
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वा किया दिन जीवन जंगम कोवरहि मानरदि मायार लोडर एलेंकारणे परि०यमाधि आश्रयानक हिंसक ล त दिन हित उपशांत वैन एडवर्ड २ई याया
कहिंतां
सातं परिप्राविएद्या सेलिस्क्प्र किरिएअनुसएम को है प्र मा सित्रमा एप्रलो से उन सातपरिनिचुड़े प्रासं कामजोगनीप्रार्थी एजन्मा तपनोदी गे अथवा विचारच थवानसि जन्माचारि तप नियम ब्रह्मचर्यादिकें कभी नई फल प्रांता करानी एपो नरेकरी संपुश्तोंक द्या शमशामदि देणना सुबारायांविना एण्ना इमेल वा सुनरियं तव नियम बनवेश्वा स एं जन्म यात्रा मात्रापनि पहवी काकी पुरज देवता कामजोगन उक्ति अथवा अथवा मध्य नने अथवा मनी पालनरूप जिंकरी सिउं रेमि करा हो ज्यो रवरहित होयो हो मेच्चा देवेंसियां काम नोगा एवसवत्री सिहंवा प्रऽरकम सुनैएच रतपुर अथवानई एलेका जिक्र वादादिकरूपनेविति धुनेविति नििं नें विष
शमणं वाजाया मायावधि
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वसिमा एवं दिनों सिया से निरकं समुद्रमुनिएरुवेदि प्रमुबि एशसहिंत्र्प्रमुबि एगंधे हिंप्रमुचिए फासहिंत्रमु विरक्त क्रोम य क्रोमय मानवकी मायाय जो सबकी रागथ देषथ कलह की असामानथकी चालाकी फरकावर विद अरति लिए विरएको हानु' माणानु माया न लो नानु मे द्या उदोसान कल दान अझरकाशा) पेसुन्नान पर परिवायानुर तिथ की मायानुपाथकी मिथ्यात्वदर्शनियमथी तेवारित्रीयो माटाक आदाथकी उपाम्पो उपस्थित प्रतिविरत ते कोई तीरतीनु 'मायामा सानु मिचादंसस लाउ' इति सेम दता आया पावसात 'नवडिएपडिविरात' सेनिक जेइ में तेहनोस्वयं आपणय खमारं मनेश पाहिं समा रंजन करायें अनेरो समारं करतानें अनुमो दें नही कर नही सांधावरापाणासवेति तोला सतिसमास्नंतिले वाल हिंसमारं नावेंति आमांस मारले ते नस मणुजाति' इति
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कारणय की
सावधानरू
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यथावर प्रालीया ढें
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रही आसान करे नेहनें अकर
कारक हेट