Book Title: Sudarshan Charit
Author(s): Udaylal Kashliwal
Publisher: Hindi Jain Sahitya Prasarak Karyalay

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Page 9
________________ सुदर्शन-चरित। सुदर्शनका जन्म। जम्बूद्वीप एक प्रसिद्ध और मनोहर द्वीप है। उसे ___ लवणसमुद्र चारों ओरसे घेरे हुए है। अच्छे धर्मात्मा और पुण्यवानोंका वह निवास है। उसके ठीक बीचमें सुमेरु पर्वत है। वह ऐसा जान पड़ता है मानों जम्बूद्वीपकी नाभि है। सुमेरु एक लाख योजन ऊँचा और सुन्दर बाग-बगीचे तथा जिनमन्दिरोंसे शोभित है । उससे दक्षिणकी ओर भारतवर्ष बड़ी सुन्दरता धारण किये हुए है। रूपाचल नामके पर्बतको तीन ओरसे घेरकर बहनेवाली नदीसे वह ऐसा जान पड़ता है मानों उसने धनुषबाण चढ़ा रक्खा हो। उसके बीचमें आर्यखण्ड बसा हुआ है। वह आर्य-पुरुषों से परिपूर्ण है, धर्मका खनाना है और स्वर्ग-मोक्षकी प्राप्तिका कारण है। उसमें अंगदेश नामका एक सुन्दर और प्रसिद्ध देश है। वह धर्म और सुखका स्थान है, अनेक छोटे-मोटे गाँव और बाग-बगीचोंसे शोभित है। वहाँके सभी गाँव, नगर, पुर, शहर, देश, धर्मात्मा पुरुषों और बड़े ऊँचे जिनमन्दिरोंसे युक्त हैं। वहाँ मुनि, आर्यिका, श्रावक और श्राविकाओंके संघ धर्मोपदेशके लिए सदा बिहार करते हैं और भव्यजनोंको मोक्षका मार्ग बतलाते हैं। वहाँके वाग फल-फूलोंसे सुन्दरता धारण किये हुए वृक्षोंसे युक्त हैं। वे देखनेवालोंका मन फौरन अपनी

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